Published On : Tue, Aug 1st, 2017

मुंबई विश्वविद्यालय की 2 लाख उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकण की राह में स्लो सर्व्हर बना रोड़ा

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Mumbai University
नागपुर:
 मुंबई विश्वविद्यालय के कॉमर्स पाठ्यक्रम की 2 लाख उत्तरपत्रिकाएं जांच के लिए राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के पास भेजी गई थीं. 24 जुलाई से धनवटे नेशनल कॉलेज और शिवाजी साइंस कॉलेज में उत्तरपत्रिकाओं का मूल्यांकन शुरू हुआ. लेकिन बार बार सर्वर स्लो होने के कारण 1 अगस्त तक केवल 5 हजार उत्तरपत्रिकाओं का ही मूल्यांकन हो पाया है. ऐसे हालातों को देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि 2 लाख उत्तरपत्रिकाओं को तय समय में जांच पाना अपने आप में बड़ी चुनौती है. मुंबई विश्वविद्यालय के रिजल्ट समय पर नहीं आ रहे थे. जिसके कारण राज्यपाल ने मुंबई विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. संजय देशमुख को फटकार लगाई थी और 31 जुलाई से पहले सभी रिजल्ट घोषित करने का अल्टीमेटम दिया था. जिसके बाद कुलगुर डॉ. देशमुख ने डॉ.सिध्दार्थविनायक काणे से दिल्ली में चर्चा की.

जिसके बाद नागपुर विश्वविद्यालय ने मुंबई विश्वविद्यालय के कॉमर्स शाखा की उत्तरपत्रिकाओं को जांचने की जिम्मेदारी ली. इसके लिए डॉ.बबनराव तायवाड़े की अध्यक्ष्ता में एक समन्वय समिति गठित की गई. इस समिति को नागपुर विश्वविद्यालय ने 250 प्राध्यापकों की सूची दी. जिसके लिए धनवटे नेशनल कॉलेज के अत्याधुनिक कंप्यूटर लैब दी गई. लेकिन मुंबई के साथ नागपुर, कोल्हापुर, पुणे और औरंगाबाद में भी मूल्यांकन की प्रक्रिया चल रही है. जिसके कारण सर्वर स्लो हो चुका है. एक उत्तरपत्रिका के लिए करीब पच्चीस से तीस मिनट का समय लग रहा है.

इस बारे में राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ.नीरज खटी ने बताया कि मुंबई विश्वविद्यालय का सर्वर स्लो होने की वजह से मूल्यांकन में देरी हो रही है. एक उत्तरपत्रिका को 25 से 30 मिनट का समय लग रहा है. मुंबई विश्वविद्यालय का ही सब कुछ है नागपुर विश्वविद्यालय केवल उनकी मदद कर रहा है. खटी ने बताया कि मुंबई विश्वविद्यालय के पर्यवेक्षकों को 250 प्राध्यापकों की लिस्ट दी गई थी. जिसमें से 50 से 60 प्राध्यापक पूरे समय उत्तरपत्रिकाएं जांचने का कार्य कर रहे हैं.