Published On : Tue, Dec 25th, 2018

‘ श्रीमद् भागवत’ भवसागर से पार उतारने वालीः पं. अशोक शास्त्री

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नागपुर: ‘श्याम कुंज’ छोटा आयचित मंदिर, बड़कस चैक, महल में रामबल्लभ गट्टानी परिवार के यजमानत्व में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ मंगलवार को हुआ। वृंदावन निवासी भागवतभूषण अशोक शास्त्री ने श्रीमद् भागवत कथा का माहात्म्य बताते हुए कहा कि परमात्मा ने इस सृष्टि के विविध लोकों, विविध युगों में अनेक विचित्र रूपों में अवतार लिया है। मनुष्य जैसा तुच्छ प्राणी परमात्मा की लीलाओं का बखान नहीं कर सकता। परंतु भक्ति और निरंतर साधना के द्वारा इस धरती पर हुए अवतारों को जिज्ञासु, ज्ञानी, साधक और तपस्वी लोगों ने जाना है और विविध ग्रंथों में उनका बखान किया है।

ऐसा ही एक दिव्य ग्रंथ श्रीमद् भागवत कथा है जिसके सुनने मात्र से मनुष्य इस संसार सागर के जाल से बाहर निकलने का मार्ग समझ पाता है। आज श्रीमद् भागवत कथा से पूर्व सुबह श्री द्वारकाधीश मंदिर, धारस्कर रोड इतवारी से कथा स्थली ‘श्यामकुंज’ तक के लिए श्रीमद् भागवत कथा की यात्रा निकाली गई। इसमें यजमान मोहन गट्टानी, राजकुमार गट्टानी, मनोज गट्टानी परिवार भागवत ग्रंथ की पोथी को सिर पर धारण कर चल रहे थे।

बग्गी पर कथावक्ता अशोक शस्त्री विराजमान थे। कथा वक्ता ने श्री गणेश पूजन, मंगलाचरण के साथ श्रीमद् भागवत कथा का प्रारंभ किया। इस अवसर पर चैनसुखदास लोया, नारायण तोष्णीवाल, पूनमचंद मालू, अरुण भूतड़ा, सुधीर सोनी, रामेश्वर सारडा, मुरलीधर गांधी, धवल महेश्वरी, भरत साबू, सुदेष्ण गट्टानी, रोहित गांधी, रमेश कुइया, घनश्यामदास पनपालिया, राजेशजी मुरकुटे, राजेश गुप्ता, राजू मणियार, रोहित सेजपाल, बाॅबी जैन, जगमोहन अग्रवाल, सुशीलादेवी कुइया आदि उपस्थित थे। कथा का समय दोपहर 2 से शाम 6 बजे तक रखा गया है।