Published On : Thu, Feb 25th, 2021

श्रीकृष्ण- सुदामा ने पेश की दोस्ती की मिसालः योगेश कृष्ण महाराज

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नागपुर: श्रीमद् महापुराण की मांगलिक कथाआंे को श्रवण करने से प्राणी इस भौतिक संसार के समस्त सुखों को भोगकर शरीर परित्याग के पश्चात भगवान के परमधाम को प्राप्त होता है.

ऋषिकुमार द्वारा शापित होने के बावजूद महाराज परीक्षित ने श्री शुकदेव जी महाराज से इस पुराण की पापविनाशनी कथाओं को सुनकर मरणोपरांत भगवतधाम को प्राप्त किया. उक्त उद्गार कथा वाचक योगेश कृष्ण महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दौरान कहे. आनंदवर्धन हनुमान मंदिर, निरंजन नगर में निरंजन नगर नागरिक उत्सव मंडल की ओर से भागवत कथा का आयोजन 26 फरवरी तक जारी है.

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कथा व्यास ने सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि सुदामा श्रीकृष्ण के परम मित्र तथा भक्त थे. वे निर्धन ब्राम्हण थे फिर भी सुदामा इतने में ही संतुष्ट रहते और हरि भजन करते रहते. अपनी पत्नी के कहने पर सहायता के लिए द्वारिकाधीश श्रीकृष्ण के पास गए. श्री कृष्ण ने उनके मन की बात को जानकर उनके सारे कष्ट हर लिए. श्रीकृष्ण- सुदामा ने दोस्ती की मिसाल कायम कीे. मित्रता अपने आप में एक परिपूर्ण रिश्ता है. श्रीमद् भागवत कथा में जीव को जीवन जीने की सच्ची सीख बताई गई है. भक्त किस प्रकार अपने आराध्य को प्राप्त कर सकता है उसका मार्ग बड़े ही सरल शब्दों में समझाया गया है.

आज व्यासपीठ का पूजन संदीप दुबे, आरती दुबे, नीरज मिश्रा, प्रितु मिश्रा, उमेश मिश्रा, सुनीता मिश्रा, राधिक मिश्रा, रमा मिश्रा, संतोष मिश्रा, प्रतिभा मिश्रा सहित अन्य ने किया. 26 फरवरी को सुबह 10 बजे होम हवन होगा.

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