Published On : Mon, Nov 24th, 2014

यवतमाल : श्रद्धा मुंधडा ने किया देश के साथ यवतमाल का नाम किया रोशन

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  • 4 थी एशीयन स्पर्धा में जीता गोल्ड मेडल
  • उसके आगमन पर कई स्थानों पर सत्कार

Shradha Mundhada
यवतमाल।
यवतमाल की बिटीयां तथा रबर की गुडिय़ा श्रद्धा राजीव मुंधडा ने दक्षिण कोरीया में हुई 4 थीं एशीयन आर्थिस्टीक सिंगल स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता तो कम्पलसरी योगा और आर्थिस्टीक पेअर्स स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीते है. इसके साथ ही वह द. अमेरीका के चिली में होनेवाली विश्व योगासन चैम्पयनशिप स्पर्धा के लिए चुनी गई है.

आज वह यवतमाल में सुबह 9 बजे वह राजेंद्र नगर स्थित वाघ के घर पहुंची,जहां उसका आतिषबाजी और बैंडबाजे के साथ जोरशोर से स्वागत किया गया. इस समय नवभारत से बातचीत करते हुए श्रद्धा ने बताया कि 12 देशों के 252 खिलाडिय़ों ने इन खेलों में हिस्सा लिया था. जिसमें कोरिया, मलेशिया, हांगकांग, अर्जेटीना, ईरान, अफगाणिस्तान का समावेश था. उन्हें यह गोल्ड मेडल जलगाव की योग गुरु डा. अनिता पाटिल द्वारा सिखाए गए गुर के कारण मिला, ऐसा उसने बताया. महाराष्ट्र से 9 लोग तो भारत से 27 लोग इस स्पर्धा के लिए द. कारिया गए थे. तीन वर्ष की उमर से श्रद्धा को उसके दादाजी ब्रिजमोहन मुंधड़ा ने योग पढ़ाया. जिसमें दादी उर्मिला का, पिता राजीव, माता पुष्पा और भाई प्रतिक अमूल्य योगदान रहा.

Shradha Mundhada
उसने बताया कि, योगा में अब भी भारत में सजगता कम है, मगर जल्द ही वह समय आएगा, जब देश के सभी लोग इसमें विश्वास करेंगे. बिना सरकारी सहायता के या प्रायोजक के विदेश में खेलने के लिए जाना कठिण डगर होने की बात भी उसने बताई. उसने कहा कि, हरीयाणा राज्य ने सारे खिलाडिय़ों को सरकारी खर्च पर विदेश भेजा है, मगर महाराष्ट्र में जिलाधिकारी, विधायक, सांसद के पास जाना पड़ता है, सिफारिश करना पड़ता है. फिर भी काम नहीं होता है. कई लोगों को विदेश जाने के लिए रिझूम देने की बात भी श्रद्ध ने बताई. इस दौरे पर लगभग 2 लाख रुपए खर्च हुए है. यह स्पर्धा 14 से 16 नवंबर को द. कोरिया में हुई थी. जहां श्रद्धा को 1 गोल्ड, 2 सिल्वर मेडल मिले. श्रद्धा ने बताए कि, वहां भारतीय शाकाहरी लोगों को सलाद के बिना दूसरा कोई अनाज नहीं मिला. वहां के लोग नमक और शक्कर खाना पसंद नहीं करते. मगर सी फूड (सागर) खाते है. उसने इस जीत के लिए हिंदी हायस्कूल के प्रिंसिपल खरे, तिवारी, अमोलकचंद के मिश्रा तथा प्राध्यापक गुप्ता, जोशी आदि के साथ संस्कार, कलश ग्र्रुप, किर्ती पद्मावार, मानव सेवा समिति, एकता ग्रुप, इंदोर, सुरत, दिल्ली के लोगों को दिया है. श्रद्धा को 1 लाख का पुरस्कार मिला था वो भी इस विदेश दौरे के लिए खर्च कर दिया. राजेंंद्र नगर से आर्णी रोड़ तक आर्णी रोड़ के श्रीकृष्ण सोसायटी के निवास स्थान तक जुलूस निकाला गया. बेटी को गोल्ड मेडल मिला देख उसके माता-पिता खुशी से रो पड़ेेे. शानदार खुली जीप में वह मेडल हाथों में लेकर सभी यवतमालवासियों का अभिवादन करती रही. इस समय शिवसेना के संतोष ढवले, यवतमाल अर्बन बैंक उपाध्यक्ष अजय मुंधडा समेत बड़ी संख्या में गणमान्य लोग तथा पत्रकार उपस्थित थे.