Published On : Wed, Apr 29th, 2015

मूल : बचपन में मिले सुसंस्कार सफलता का मार्ग दिखाते है – न्यायमूर्ति आनंद मुंढे

Advertisement

Justis Anand Mundhe
मूल (चंद्रपुर)। बच्चे भगवान के घर के फूल होते है. इसकी गंध समाज के सभी घटक लेते है. इसके लिए बच्चों को बचपन में सुसंस्कार का पाठ मिलना जरुरी है. बचपन में मिले सुसंस्कार से व्यक्ति के यौवन अवस्था में सफलता का शिखर चढने में मदद मिलती है. ऐसा मत न्यायमूर्ति आनंद मुंढे ने व्यक्त किया.

स्थानिय श्री गुरुदेव सेवा मंडल और ओम चैतन्यप्रभु बहुउद्देशीय शिक्षण संस्था मूल द्वारा आमटे फार्म में आयोजित श्री गुरुदेव सुसंस्कार प्रशिक्षण शिविर का उदघाटन न्या. आनंद मुंढे के हांथों हुआ. नगरसेवक प्रभाकर भोयर की अध्यक्षता में कार्यक्रम में आत्मानुसंधान भुवैकुंठ अड़याल के रतनलालजी, प्रा. रत्नमाला भोयर, साधना सातपुते, सुश्री शोभा मुंढे, लहुजी कलसकर आदि उपस्थित थे.

शुरुवात में राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज की प्रतिमा का पूजन और अभिवादन करके न्यायमूर्ति मुंढे ने शिविर का उद्घाटन किया. इस दौरान प्राचार्य रत्नमाला भोयर पढाई में कैसे मन लगाए इसका मार्गदर्शन किया. अध्यक्ष भाषण में प्रभाकर भोयर ने सुसंस्कार शिविर से आदर्श पीढी बनने के लिए शिविरार्थियों ने स्वामी विवेकानंद की एकग्रता को सामने रखकर प्रशिक्षण का लाभ ले. शिविर व्यवस्थापक शामराव मोहुर्ले ने प्रास्ताविक किया. संयोजक चेतन कवाडकर ने संचालन और रजीगंधा कवाडकर ने आभार माना.

Gold Rate
07 May 2025
Gold 24 KT 97,500/-
Gold 22 KT 90,700/-
Silver/Kg 96,700/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

25 अप्रैल से 5 मई तक आयोजित निवासी सुसंस्कार शिविर में सामुदायिक ध्यान, योग, आसनायम, प्राणायाम, कराटे, लाठी-काठी, बनेटी, भाला, मलखांब, कुस्ती, गायन, वादन, बासुरी, नृत्य समेत संत साहित्य पर मार्गदर्शन किया जाएगा. परमानंद सूर्यवंशी, गजान घुमघट, जालंधरनाथ, रतनलाल, शंकर भूर्ले, हुक़ुमराज फुंडे, उमाजी मंडलवार, महेश मॅकलवार, नामदेव गावतुरे, प्रेरणा महामुनि, रेखा बुराडे, आदि अलग-अलग विषयों पर मार्गदर्शन करेंगे.

Advertisement
Advertisement