नागपुर : हालही में पार्टी द्वारा विदर्भ के संपर्क प्रमुख बनाये गए सांसद गजानन कीर्तिकर के मुताबिक विदर्भ में बीजेपी का जनाधार शिवसेना की वजह से बढ़ा है। एक समय विदर्भ कांग्रेस का गढ़ था। शिवसेना ने कांग्रेस का विरोध किया।
आज इस ईलाके में बीजेपी का प्रभाव है। गुरुवार को नागपुर में कीर्तिकर ने पूर्व विदर्भ के विभिन्न जिलों के साथ संगठन विस्तार पर बैठक की,इस बैठक के बाद प्रेस वार्ता में बोलते हुए उन्होंने कहाँ शिवसेना अपने दम पर ही चुनाव लड़ेगी।
उन्होंने तीसरा मोर्चा बनने की स्थिति में उसमे शामिल होने की संभावनाओं को भी ख़ारिज कर दिया। पिछले चुनाव में पार्टी को मिले वोटों का आकलन कर उन्होंने बताया की पूर्व विदर्भ की 6 लोकसभा सीट में से 4 और विधानसभा की 36 सीटों में से लगभग 20 सीटों पर पार्टी आसानी से जीत सकती है।
पार्टी का फोकस वर्धा,गढ़चिरोली,चंद्रपुर और भंडारा लोकसभा सीट पर है। शिवसेना की ताकत का फायदा विदर्भ में बीजेपी को हुआ। जिसके दम पर आज बीजेपी सत्ता में है लेकिन बीजेपी सत्ता में आने के बाद सहयोगी दलों के योगदान को भुला देती है। इसी वजह से अब अकेले चुनाव लड़ने का फ़ैसला लिया गया है।
विदर्भ में अब भी शिवसेना का मजबूत जनाधार है अमरावती से आनंदराव अडसुल बीते पांच टर्म से चुनाव जीत रहे है। साथ ही रामटेक सीट भी शिवसेना के कब्ज़े में है। गजानन कीर्तिकर ने बताया की पार्टी ने संगठन और विस्तार पर निगरानी रखने के लिए विशेष व्यवस्था बनायीं है। पत्र परिषद में सांसद आनंदराव अडसुल,कृपाल तुमाने,जिला प्रमुख प्रकाश जाधव उपस्थित थे।
बीजेपी से कोई तालमेल नहीं
शिवसेना और बीजेपी भले ही सत्ता में भागीदार हो लेकिन दोनों के बीच के मतभेद कई बार सामने आ चुके है। कुछ दिन पूर्व नागपुर में संगठनात्मक चर्चा करने आये पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी एकला चलो का मन्त्र दिया था।
पार्टी उसी पर चल रही है कीर्तिकर के मुताबिक बीजेपी से अब कोई तालमेल नहीं है। शिवसेना हिंदूवादी विचारो को बचाने के लिए बीजेपी के साथ सत्ता में शामिल हुई है
राज्य में तीसरी अघाड़ी से गठबंधन का सवाल ही पैदा नहीं होता। उनकी पार्टी अपने दम पर ही चुनाव लड़ेगी। नागपुर में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के ख़िलाफ़ भी शिवसेना का उम्मीदवार मैदान में होगा।
नई कार्यकारणी का गठन जल्द ही
कीर्तिकर ने बताया की आगामी 10 दिनों के भीतर कार्यकारणी का गठन कर लिया जायेगा। स्थानीय नेताओ से बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की सूची मंगायी जा रही है साथ ही पार्टी के कमजोर पक्ष का भी जायजा लिया जा रहा है।