Published On : Fri, Oct 19th, 2018

शिरडी में बोले PM मोदी- पिछली सरकार का लक्ष्य एक परिवार का प्रचार करना था

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शिरडी के साईं बाबा को समाधि लिए हुए आज 100 साल पूरे हो रहे हैं, इस मौके पर शिरडी में बड़ा कार्यक्रम किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए शिरडी के साईं मंदिर पहुंचे. प्रधानमंत्री मोदी ने यहां पर साईं मंदिर में विशेष पूजा की, इस दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्यपाल विद्यासागर राव भी मौजूद रहे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां मंदिर की विजिटर बुक में अपने विचार भी लिखे. प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर साईं बाबा की याद में चांदी का सिक्का जारी किया. इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के कई लाभार्थियों को घर की चाभी सौंपी. उन्होंने लाभार्थियों से बात की.

इस कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां एक रैली को संबोधित किया. PM ने अपने भाषण की शुरुआत मराठी भाषा में की. प्रधानमंत्री ने देशवासियों को यहां से विजयादशमी की बधाई दी, मेरी कोशिश रहती है कि हर त्योहार देशवासियों के साथ मनाऊं. PM बोले कि साईं को याद कर लोगों की सेवा करने के लिए शक्ति मिलती है.

उन्होंने कहा कि साईं का मंत्र है ‘सबका मालिक एक है’, साईं समाज के थे और ये समाज साईं का था. साईं के चरणों बैठ गरीबों के लिए काम करना सौभाग्य की बात है. उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि दशहरे के इस पावन अवसर पर मुझे महाराष्ट्र के ढाई लाख बहनों-भाइयों को अपना घर सौंपने का अवसर मिला है, मेरे वो भाई बहन जिनके लिए अपना घर, हमेशा सपना ही रहा है. पिछली सरकारों का लक्ष्य सिर्फ एक परिवार का प्रचार करना था, घर देना नहीं था.

प्रधानमंत्री बोले कि पिछली सरकार ने अपने आखिरी चार साल में सिर्फ 25 लाख घर बनाए थे, लेकिन हमारी सरकार ने अपने चार साल के कार्यकाल में 1 करोड़ 25 लाख घर बनाए हैं. अगर पिछली ही सरकार होती तो इतने घर बनाने के लिए 20 साल लग जाते.

प्रधानमंत्री ने यहां नए भवन, 159 करोड़ रुपये की लागत से विशाल शैक्षणिक भवन, ताराघर, मोम संग्रहालय, साईं उद्यान और थीम पार्क समेत प्रमुख परियोजनाओं का भूमिपूजन किया.

राष्ट्रपति ने शुरू किया था कार्यक्रम
उनकी समाधि की शताब्दी पर न्यास द्वारा पूरे साल उत्सव मनाया गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक अक्टूबर 2017 को शताब्दी महोत्सव का उद्घाटन किया था. उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने दिसंबर 2017 में वैश्विक साईं मंदिर सम्मेलन का उद्घाटन किया और पूरे साल छोटे-बड़े उत्सवों का आयोजन चलता रहा.

1918 में ली थी समाधि
शिरडी के साईं की प्रसिद्धि दूर दूर तक है और यह पवित्र धार्मिक स्थल महाराष्ट्र के अहमदनगर के शिरडी गांव में स्थित है. सभी समुदायों में पूजनीय साईंबाबा का देहावसान 1918 में दशहरा के ही दिन अहमद नगर जिले के शिरडी गांव में हुआ था.

शिरडी के साईं बाबा का वास्तविक नाम, जन्मस्थान और जन्म की तारीख किसी को पता नहीं है. हालांकि साईं का जीवनकाल 1838-1918 तक माना जाता है.