बिजली चोरी रोकने प्रबंध
अमरावती। बढ़ती बिजली चोरी व बिजली की बर्बादी रोकने के लिये राज्य सरकार के उर्जा विभाग ने नई नीतियां बनाई है. जिसके तहत अमरावती शहर के 7 फीडर्स का निजीकरण किया जायेगा. इसके साथ ही बिजली चोरी की घटनाओं पर नियंत्रण रखने के लिये स्वतंत्र यंत्रणा भी निर्मित की जायेगी. नई नीतियों में बिजली चोरों पर सख्त कार्रवाई के तहत एफआयआर दर्ज कराने के अधिकार भी बहाल किये जायेंगे.
उर्जा मंत्री ने ली बैठक
राज्य के उर्जामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बिजली चोरी और बिजली बर्बादी पर लगाम कसने के लिये नई उपाय योजना बनाने के लिये बिजली पारेषन, बिजली वितरण, कंपनियों के प्रमुख अधिकारियों की एक बैठक ली. इस बैठक में बकाया बिजली बिलों की वसूली पर चिंता व्यक्त की गई. बीजली चोरी रोकने में अब तक इस विभाग को सफलता न मिलने पर खेद व्यक्त करते हुये अब निजीकरण का सहारा लिये जाने पर निर्णय लिया गया है. जिसके तहत बिजली चोरी व बिजली बर्बादी रोकने का जिम्मा निजी व्यवस्थापन को सौंपा जायेगा.
2 करोड़ का बिल बकाया
इस योजना से लोडशेडिंग कम करने के साथ ही बेरोजगार, इंजीनियर्स व कुशल कारीगर को रोजगार मिलने में मदद होगी. जन सहभाग के लिये तहसील स्तरीय समितियां भी गठित की जायेगी. ऐसी जानकारी भी विभाग के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने दी है. उन्होंने बताया है कि सात फीडर पर नियंत्रण का जिम्मा सौंपने के लिये निविदाएं मंगवाई गई है. पिछले दो वर्षों से कई इलाकों में बिजली बील बकाया है. यह राशि दो करोड़ से अधिक की है. योजनाके तहत फ्रेचाईसी एक वर्ष के करार पर दी जायेगी. उसके बाद मुल्यमापन कर 5 अथवा दो वर्षों के लिये इसे एक्स्टेन्शन दिया जायेगा. नियुक्त फ्रेचाईसियों को प्रचलित दरों के हिसाब से भूगतान किया जायेगा. यह जानकारी भी उर्जा विभाग के पीआरओ ने दी है.
इन फीडर्स का होगा निजीकरण
शहर के चित्रा चौक, ताज नगर, नवसारी, भाजी बाजार, पाटीपुरा, न्यू ताज नगर, लोणटेक इन फीडर्स का निजीकरण होगा.