Published On : Sat, Nov 22nd, 2014

कोंढाली परिसर में शुरू है अवैध शराब बिक्री

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थानेदार की अनदेखी, अवैध धंदे पर लगाम कसने की मांग

selling illegal liquor
कोंढाली (नागपुर)।
स्थानीय पुलिस स्टेशन अंतर्गत आने वाले गांव में राष्ट्रीय महामार्ग पर होटल, ढाबों पर अवैध शराब बिक्री बड़े पैमाने में बढ़ी है. जिसकी ओर कोंढाली पुलिस का ध्यान नहीं होना संशयास्पद लग रहा है जिसकी शिकायत नागरिकों ने की है.

पुलिस के सामने हो रही अवैध दारू की बिक्री
खापरी, चंदनपार्डी, जुनापानी, जामगढ़, कुचारी सावंगा, माहुरखोरा, गणेशपुर, रिंगणाबोडी साथ ही वर्धा जिले के काजकी, रहाटी आदि गांव में कोंढाली के शराब की दुकानों की शराब ग्रामीण क्षेत्र में बड़े पैमाने में पहुँच रही है. जो अवैध है. गांव-गांव में सामाजिक आरोग्य बिगड़कर विवाद बढ़ रहे है. पुलिस के सामने अवैध शराब की बिक्री हो रही है. जिसकी ओर पुलिस नजर अंदाज कर रही है. शराब की दुकान खुलने से  पहले प्रातः शराब की बिक्री शुरू हो जाती है. शराब बंदी के दिन भी अवैध तरीके से दारू की बिक्री होती है.

युवां पीढ़ी का व्यसन बढ़ रहा है
दुकानों से हफ्ता मिलने से अवैध धंदे को आश्रय मिल रहा है तथा सट्टा व्यवसाय से युवां पीढ़ी का व्यसन बढ़ रहा जिससे कई परिवार तबाह हो रहे है. यह मामले रोक कर सामाजिक शांतता कायम करने की आवश्यकता है. ऐसी मांग नागरिकों की है. सरकार ने लाखों रूपए खर्च कर व्यसनमुक्ती, गांव तंटामुक्त ऐसे अनेक योजना शुरू करने के बावजूद यह व्यवसाय शुरू है. शराब के बढ़ते सेवन से युवा बुरे मार्ग पर जा रहे है. उनके भविष्य पर प्रश्नचिन्ह निर्माण हो रहा है. लेकिन थानेदार अपनी आमदनी कैसे बढ़ेंगी इसकी ओर ज्यादा ध्यान दे रहे है. इस गांव में बड़े पैमाने पर शौकीन लोग आते है.

पैसा ख़त्म होने के बाद चोरियाँ
परिसर के अनेक मटका शौकीन पैसा ख़त्म होने के बाद चोरियाँ भी कर रहे है. नए थानेदार को माह के अंत में हजारों का हफ्ता जाता है जिससें मटका चालक खुलेआम अवैध धंदा कर रहे है जिसकी चर्चा जोरों से शुरू है. महीने में लांखो की कमाई हो रही है. अब तो जनता के संरक्षण का प्रश्न निर्माण हो रहा है.

थानेदार के जाने के बाद कानून की उड़ रही धज्जियां
कोंढाली पुलिस स्टेशन में दो साल पूर्व थानेदार सुरेश भोयर की नियुक्ति की गयी थी. लेकिन गत दो-तीन माह पूर्व उनका चंद्रपुर में नियुक्ति की गई. अब उनकी जगह नए थानेदार प्रदीप लांबट की नियुक्ति की गई. भोयर के रहने से यहाँ अवैध धंदे बंद थे और कानून सुव्यवस्था थी. लेकिन नए थानेदार के आने से अवैध धंदे करने वालों के हौसले बुलंद हो गए है. जिससे कानून की धज्जीया उड़ रही है.