Published On : Fri, Dec 14th, 2018

महापौर के आदेश के खिलाफ मनपा में किशोर (सिक्योरिटी) एजेंसी का कार्यकाल बढ़ा

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मनपा विधि समिति सभापति अधिवक्ता मेश्राम का आरोप

नागपुर: नागपुर महानगरपालिका की सम्पूर्ण सम्पत्तियों की सुरक्षा के लिए सिक्योरिटी एजेंसियों को ठेकेदारी दी जाती है. इन्हीं में से एक सुरक्षा एजेंसी की गड़बड़ी के खिलाफ मनपा सभागृह में मामला गूंजा था तो मामले की गंभीरता को देख एक ओर जहां महापौर नंदा जिचकार ने जांच के आदेश दिए थे तो दूसरी तरफ स्थाई समिति ने राजनीतिक दबाव में उसकी तय समयावधि को बढ़ाने का निर्णय लिया थी. जिसका पुरजोर विरोध मनपा विधि समिति के सभापति अधिवक्ता धर्मपाल मेश्राम ने किया.

याद रहे कि सुरक्षारक्षक ठेकेदार किशोर एजेंसी की गड़बड़ियों को मनपा सभागृह में अधिवक्ता मेश्राम ने सार्वजानिक किया था. काफी तर्क-वितर्क के बाद महापौर जिचकार ने जांच के आदेश दिए थे. महापौर जिचकर सह सभागृह के आदेश को दरकिनार कर स्थाई समिति ने अल्पावधि के लिए समयावधि में बढ़ोतरी का निर्णय लिया.

स्थाई समिति के निर्णय के तुरंत बाद अधिवक्ता धर्मपाल मेश्राम ने मनपायुक्त अभिजीत बांगर से मुलाकात कर उक्त निर्णय पर आपत्ति दर्ज करवाते हुए जांच की मांग की. यह भी कहा कि महापौर के आदेश को नज़रअंदाज किया जाना महापौर के निर्देशों का अपमान है.

मेश्राम के अनुसार वे जल्द ही इस मामले को लेकर महापौर नंदा जिचकार, सत्तापक्ष नेता संदीप जोशी, स्थाई समिति सभापति विक्की कुकरेजा से चर्चा कर दिए गए निर्णय को रद्द कर नए सिरे से निविदा जारी करवाने की मांग करेंगे.

उल्लेखनीय यह है कि ४ जनवरी २०१८ को मनपा प्रशासन ने ई-निविदा के जरिए न्यूनतम वेतन के आधार पर किशोर सिक्योरिटी एजेन्सी, सुपर सिक्योरिटी सर्विसस नागपुर, यूनिटी सिक्योरिटी फ़ोर्स को ठेका दिया था. तीनों एजेंसी के कुल २८९ सुरक्षा-रक्षक मनपा में सेवाएं दे रहे हैं. ३१ दिसंबर २०१८ को इनकी समयावधि समाप्त हो रही है. नई निविदा न निकलते हुए इंड्रस्ट्रियल सिक्योरिटी सर्विसेज को अपात्र करार कर देकर कार्यरत उक्त सभी तीनों कंपनियों की समयावधि बढ़ा दी गई. इस चक्कर में विवादास्पद किशोर एजेंसी को पुनः लाभ हो गया.