Published On : Mon, Apr 23rd, 2018

रामझूला का दूसरा चरण अपने अंतिम पड़ाव पर

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Ramjhula

File Pic

नागपुर: नागपुर शहर स्मार्ट सिटी बनने के लिए निरन्तर कदम बढ़ाता जा रहा है. शहर में विभिन्न प्रकार के विकासकार्य शुरू हैं, इसी क्रम में रेलवे स्टेशन के निकट तैयार किए जा रहे रामझूला-2 पुल का दूसरे चरण अंतिम कगार पर पहुंच चुका है. यह जून के मध्य में नागरिकों को आवाजाही के लिए समर्पित कर दिया जाएगा. रामझूले के निर्माणकार्य का जिम्मा एफकॉन कंपनी ने भली-भांति संभाल रखा है. यह कंपनी बैंगलुरु व कोटा में केबलयुक्त उड़ानपुल का निर्माण करने में सफलता हासिल कर चुकी है. उक्त दोनों शहरों के बनिस्बत नागपुर का रामझूला तकनिकी दृष्टि से काफी अत्याधुनिक समझा जा रहा है.

संतरानगरी के आकर्षणों में से एक रामझूला के पहले चरण का लोकार्पण ३ वर्ष पूर्व किया गया था. इसके बाद दूसरे चरण का काम शुरू किया गया. पहले चरण के मुकाबले दूसरे चरण का काम काफी तेजी से किया गया. इस वजह से दूसरे चरण का काम अंतिम मुहाने पर पहुंच चुका है. बीच के कुछ माह मेट्रो रेल के निर्माणकार्य की वजह से रामझूले का दूसरे चरण का कार्य प्रभावित रहा. जल्द ही रामझूले के दूसरे चरण के पुलिया पर डामरीकरण का काम शुरू किए जाने की जानकारी दी गई है. डामरीकरण अव्वल दर्जे का हो और साल दर साल मरम्मत-देखभाल न करना पड़े इसलिए पहले से जरूरी एतियात बरती गई है. इस दूसरे चरण के मार्ग का उद्धघाटन करने के लिए एमएसआरडीसी प्रबंधन भिड़ गया है. निर्माण कार्य शुरू होने के पूर्व ४५ करोड़ खर्च का आंकलन किया गया लेकिन अब जबकि समाप्ति पर है, इसका खर्च ६१ करोड़ के करीब पहुंच चुका है.

उल्लेखनीय यह है कि रामझूला में १०० से अधिक केबल का इस्तेमाल किया गया है. पुलिया मात्र एक ही पिलर पर सिर्फ केबल के सहारे टिकी है. इस केबल को प्रत्येक ४०-५० वर्ष में ऑइलिंग की आवश्यकता पड़ती है. इस पुलिया पर आवाजाही के लिए फुटपाथ का भी निर्माण किया गया है. मनपा सत्तापक्ष भी जल्द ही गडकरी के निर्देशों का पालन करते हुए रेलवे स्टेशन के सामने की पुलिया तोड़ने का प्रस्ताव पूर्ण मुस्तैदी से लाने वाली है. इस पुलिया के तोड़ने व सड़क चौड़ीकरण करने से यातायात व्यवस्था सरल होने की संभावना जताई जा रही है.