Published On : Mon, Jun 13th, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

टेकड़ी पुल तोड़ने पर लगी मुहर, माह के अंत में शुरू होगी कार्यवाही

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नागपुर. स्टेशन स्थित टेकड़ी फ्लाईओवर तोड़कर 6 लेन रोड बनाने के लिए निधि की मंजूरी के साथ ही पूरा प्रस्ताव तैयार हो चुका है. पुल के नीचे बने कमरों के धारकों का कुछ मसला कोर्ट में अटका होने के कारण कार्य नहीं हो रहा था लेकिन अब हाई कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार मनपा, पीडब्ल्यूडी और महामेट्रो के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर होने के बाद न्यायिक गतिरोध खत्म हो जाएगा. इससे इसी माह के अंत तक स्टेशन फ्लाईओवर तोड़ने की कार्यवाही शुरू होने की जानकारी सूत्रों ने दी.

बताया जाता है कि 2 दिन पहले ही मनपा में इन तीनों विभागों के अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक ली गई जिसमें आयुक्त ने स्पष्ट रूप से पुल तोड़ने की दिशा में कार्यवाही शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दिए. बैठक में लिए फैसले के अनुसार अब पुल तोड़ने पर मुहर लगने की जानकारी भी सूत्रों ने दी.

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200 दूकानों के लिए होना है एग्रीमेंट
सूत्रों के अनुसार मनपा की सभा में 8 सितंबर 2021 को फ्लाईओवर तोड़ने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई थी. इसमें लिए गए फैसले के अनुसार महामेट्रो द्वारा तैयार किए जाने वाले मॉल में 200 कमरे मनपा को मिलेंगे. अब इन 200 दूकानों के लिए मनपा, महामेट्रो और पीडब्ल्यूडी के बीच सोमवार को एग्रीमेंट किया जाना है. मनपा के साथ एग्रीमेंट होने के बाद जिन दूकानदारों ने दूकान के बदले दूकान मांगी है. उन्हें स्थायी दूकान देने के लिए एग्रीमेंट करके दिया जाएगा. बताया जाता है कि हाई कोर्ट में कुछ दूकानदारों ने याचिका दायर की थी. इस याचिका पर मनपा द्वारा जवाब दायर करना है. एग्रीमेंट होने के बाद इस समझौते की जानकारी हाई कोर्ट को दी जाएगी जिससे मसला हल होने की उम्मीद है.

मालकियत नहीं तो रेडीरेकनर दरों से भुगतान कैसे
एक ओर जहां कुछ दूकानदारों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है वहीं दूसरी ओर 25 दूकानदारों ने जिला न्यायालय में भी दिवानी मामला दायर किया हुआ है. इन दूकानदारों ने कमरे लेते समय जो अग्रिम राशि भरी थी वह वापस देने की मांग तो की लेकिन राशि रेडीरेकनर की दरों के ढाई गुना देने की मांग की गई है.

इस संदर्भ में मनपा का मानना है कि ये दूकानदार मनपा के लीजधारक हैं, इनकी मालकियत नहीं है. मालकियत नहीं होने से इन्हें रेडीरेकनर की दरों के अनुसार भुगतान का कोई आधार ही नहीं बनता है. हाई कोर्ट की न्यायिक लड़ाई खत्म होने के बाद निचली अदालत का मसला भी खत्म हो जाएगा. इसी माह हाई कोर्ट में जवाब दायर करना है. याचिका खत्म होने के बाद तोड़ू कार्यवाही शुरू हो जाएगी.

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