Published On : Tue, Apr 30th, 2019

गरमी में स्कूल बंद लेकिन फिर भी वसूली जा रही पालकों से फीस की रकम

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जिला प्रशासन ने भीषण गर्मी में स्कूल बंद रखने के आदेश दिए

नागपुर शहर में भीषण गर्मी की चपेट ने दहला दिया हैं. सुबह ६ बजे के बाद से ही आग बरसने लगती है. दोपहर के बाद तो लू के आगोश में शहर होती हैं.इसके मद्देनज़र जिला प्रशासन ने सम्पूर्ण मई माह स्कूल बंद रखने का आदेश जारी किया तो दूसरी ओर स्कूल प्रशासन अगले शैक्षणिक सत्र वर्ष २०१९-२० का शुल्क में मई माह का पूर्ण शुल्क जबरन वसूल रहे हैं.अधिकांश स्कूलों में छुट्टियां लग चुकी है.

याद रहे कि जिला प्रशासन के आदेश के बावजूद अब भी कई स्कूलों में क्लासेस ली जा रही है. 9वीं व 10वीं के छात्रों के लिए क्लासेस शुरू रखी गई है. ताकि नया सत्र आरंभ होने से पहले कुछ विषयों की पढ़ाई हो सके, लेकिन अब छात्र भी गर्मी की वजह से स्कूल जाने से कतराने लगे हैं. वहीं दूसरी ओर जिलाधिकारी, जिला आपत्ति प्रबंधन अधिकारी अश्विन मुगदल ने सभी शासकीय, अशासकीय, निजी स्कूलों में छात्रों की क्लासेस बंद करने के आदेश दिये हैं. अतिरिक्त क्लासेस या परीक्षा सुबह 11 बजे तक निपटाने के आदेश दिए हैं. यह आदेश स्टेट बोर्ड के साथ ही सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड के लिए भी लिए भी जारी किया गया है.

शहर व जिले के अमूमन सभी प्राइवेट स्कूल अगले शैक्षणिक सत्र का शुल्क अभी से ही वसूलना शुरू कर दिए.तिमाही शुल्क जमा करने वाले पालकों को मई,जून,जुलाई का पहला तिमाही देना पड़ रहा जबकि इस तिमाही में स्कूल डेढ़ माह बंद रहता हैं.

स्कूल परिसर में ही अस्थाई दुकानें शुरू

शहर के बड़े बड़े स्कूल में मई माह में अगले शैक्षणिक सत्र के लिए एकमुश्त किताब-कॉपी बिक्री की दुकानें देखने को मिल जाएंगी।स्कूल की मेहरबानी से उक्त विक्रेता साल भर की कमाई २-४ दिन में कर लेते हैँ,अमूमन ७०-८० % विद्यार्थी के पालक वर्ग इस खरीदी में भाग लेते हैं.इस अवैध कृत में स्कूल प्रबंधकों को अच्छा-खासा कमीशन मिलता हैं.जिस पर रोक लगाने की हिमाकत कोई भी सम्बंधित प्रशासन नहीं करता।