नागपुर: माइनोरिटी कोटे के नियम की वजह से पिछले एक वर्ष से प्रियदर्शिनी कॉलेज, हिंगना के सैकड़ो विद्यार्थी स्कॉलर्शिप से वंचित है. प्रियदर्शिनी कॉलेज में सरकार की ओर से एडमिशन के लिए कोटा होता है. जिसके तहत विद्यार्थियों को एडमिशन दिया जाता है. माइनॉरिटी वह कोटा होता है जिसमे बाहर के राज्य के विद्यार्थी प्रवेश लेकर शिक्षा प्राप्त करते है. और बाकी बचे हुए एडमिशन स्थानिय राज्य के विद्यार्थियों को दिए जाते है.
लेकिन पिछले कुछ वर्षो में दूसरे राज्यों में के विद्यार्थियों द्वारा यहाँ एडमिशन लेनी की संख्या में कमी आयी है। जिस कारण हर वर्ष यह कोटा खाली रहता है. सीटे खाली होने की वजह से स्थानिय विद्यार्थियों को माइनॉरिटी कोटे के अंतर्गत एडमिशन दिया गया था. लेकिन माइनॉरिटी कोटे के अंतर्गत एडमिशन लेने की वजह से और डॉक्यूमेंट में माइनॉरिटी लिखे होने के कारण इनकी स्कॉलशिप अब तक नहीं मिली है.
एडमिशन करने के बाद जब स्कॉलरशिप नहीं मिली तो सभी विद्यार्थी मंगलवार को दीक्षाभूमि स्थित समाजकल्याण विभाग में कांग्रेस के सचिव मंगेश कामोने के साथ पहुंचे. जहां उन्होंने समाज कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त वी.एम.वाकुलकर से चर्चा की. जिसमे वाकुलकर ने बताया की माइनॉरिटी शब्द के कारण इनकी स्कॉलर्शिप नामंजूर की गई है. जिसके बाद सभी विद्यार्थी डीटीई विभाग पहुंचे. लेकिन वहां पर भी नियमों का हवाला दिया गया. विद्यार्थियों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए सहायक आयुक्त वाकुलकर ने विद्यार्थियों को आश्वासन दिया है की वे इस पुरे मामले में राज्य के समाज कल्याण आयुक्त से चर्चा करेंगे और जल्द से जल्द इसपर विद्यार्थियों के हित में निर्णय लेंगे.