Published On : Wed, Jul 7th, 2021

कोराडी पावर प्लांट में तकनीकी खराबी के नाम पर करोड़ों का घोटाला

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– ऊर्जा मंत्रालय के अनौपचारिक दबाव फलस्वरूप पावर प्लांट के मुख्य अभियंता सहित सेक्शन इंचार्ज अभियंताओं द्वारा सुनियोजित तरीके से CHP CLEANING के कार्यो में बड़े स्तर पर घोटाला को अंजाम दिया जा रहा

नागपुर: महानिर्मिती के 660 × 3 मेगावाट कोराडी के क्रिटिकल थर्मल पावर स्टेशन के कोल हैन्डलिंग प्लांट में आये दिन बारंबार तकनीकी गडबडी के नाम पर करोड़ों रुपये की अनियमितता,घोटाला और भ्रष्टाचार शुरु होने की खबर है। इस सबंध में महानिर्मिती के सेक्शन कर्मियों की माने तो CHP रखरखाव का वार्षिक ठेका प्रतिभाशाली कंपनी को दिया गया है। बताते है कि कंपनी निविदा नियम और शर्तों के मुताबिक काम करने के लिए प्रयासरत है परंतु ऊर्जा मंत्रालय के अनौपचारिक दबाव फलस्वरूप पावर प्लांट के मुख्य अभियंता सहित सेक्शन इंचार्ज अभियंताओं द्वारा सुनियोजित तरीके से CHP CLEANING के कार्यो में बड़े स्तर पर घोटाला को अंजाम दिया जा रहा है।

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कोल कन्वेयर का बारंबार टूटना
तकनिकी विशेषज्ञों की माने तो अच्छे भले संचालित कोल कनावेयर बेल्टों का अचानक बारंबार टूटना विभिन्न संदेह को जन्म देता है। बताते हैं कि कोल कन्वेयर वेल्ट बारंबार टूटते नही ? बल्कि उसे सुनियोजित षडयंत्र के तहत टुडवा दिया जा रहा है। ताकि संभावित कन्वेयर वेल्ट जोडने के नाम पर लाखों करोडों रुपये कमाया जा सके ? और महानिर्मिती को अच्छा खासा चूना लगाया जा सके।

जानकार सूत्रो का तर्कसंगत आरोप है कि चलते कन्वेयर वेल्ट लाईन के इर्द-गिर्द धारदार लोहे के राड अटका दिये जाते है ताकि चलते कन्वेयर वेल्ट आसानी से टूट-फूटकर फटते जाएं। उसी तरह CHP की साफ-सफाई मे शैक्शन अभियंताओं की निष्क्रियता आड़े आ रही है। हालांकि इस मामले में सेक्शन अभियंताओं का इस मामले मे कोई दोष नही होता है ? वे तो बस अपने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों का पालन करना ही पड़ता है। बताते हैं कि ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारियों और पदाधिकारियों को निर्धारित निधि पंहुचाने के लिए राजनैतिक दबाव शुरु रहता है।

परिणामतः अनियमितता और भ्रष्टाचार को खुल्लम- खुल्ला आमंत्रण दिया जा रहा है। महानिर्मिती बिजली केन्द्रों के तकनीकीशियनों की माने तो इस क्रिटिकल 660×3 सुपर थर्मल पावर प्लांट में अधिकतम बिजली उत्पादन के उद्देश्य से पत्थर रहित धुला हुआ कोयला आपूर्ति शुरु है। परंतु ऊर्जा मंत्रालय की कमीशनखोरी आडे आने की वजह से इस प्लांट को घटिया बनाने की साजिशें शुरु है।नतीजतन ऊर्जा उत्पादन व्यवस्था चरमरा रही है.

ज्ञातव्य है कि गत माह विधुत मुख्यालय मे आयोजित OCM में इस प्लांट के धुरंधर मुख्य अभियंता राजेश पाटील को इसी संदर्भ मे महानिर्मिती के प्रबंध निदेशक खंडारे ने खरी खरी सुनाया भी था।बताते हैं कि इस पावर प्लांट की हर पल पल की खबर खंडारे को लगते रहती है।

तबादला रुकवाने बीमारी का बहाना
महानिर्मिती बिजली के कोराडी पावर प्लांट के अधिकारिक सूत्रों की माने तो इस पावर प्लांट के कर्तव्यनिष्ठ मुख्य अभियंता राजेश पाटील का विद्युत मुख्यालय प्रकाशगढ़ मुंबई में तबादला सुनिश्चित था। बताते हैं कि खापरखेडा प्लांट सहित इस पावर प्लांट में मुख्य अभियंता पाटील की पिछले 3 -4 सालों से सक्रिय भागीदारी रही है।

यह भी सत्य हैं कि अपना तबादला रुकवाने के लिए बारंबार स्वयं एवं परिजनों की बीमारियों से त्रस्त होने का ड्रामा शुरु है। ताकि मेडिकल प्रमाण के अधार पर उनका तबादला स्थगित करवाया जा सके। हालांकि ऊर्जा मंत्रालय को खुश करने के लिए इस मुख्य अभियंता राजेश पाटील ने जरा सी भी कसर नहीं छोड़ी है। इस सबंध में जब इस मुख्य अभियंता से असलियत को जानने के लिए लगातार मोबाइल पर संपर्क किया गया परंतु वे अपनी प्रतिक्रिया न देने फोन उठाने को तैयार ही नही है.

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