Published On : Mon, Sep 29th, 2014

राकांपा में अंतर्कलह : मिलते-मिलते कट गया सलिल देशमुख का टिकट!

salil_deshmukh
नागपुर । 
नागपुर जिले में एनसीपी ने कांग्रेस से तो तलाक ले लिया हैं लेकिन पार्टी की अंदरूनी खटपट चरम पर पहुंच गई है. पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इसकी मुख्य वजह अनिल देशमुख की कार्यशैली से एनसीपी कार्यकर्ताओं की नाराजगी है. सूत्र बताते हैं कि देशमुख की नीति की वजह से एनसीपी जिले में पनपने की बजाय सिकुड़ती जा रही है.
बताया जाता है कि अनिल देशमुख पश्चिम नागपुर से अपने पुत्र सलिल के लिय टिकट चाहते थे. पार्टी मे उनके कद को देखते हुए यह लगभग तय माना जा रहा था कि सलिल पश्चिम नागपुर से चुनाव लड़ेंगे और जिसकी तैयारी भी उनके कार्यकर्ताओं ने शुरू कर दी थी, लेकिन नामांकन भरने के दिन सलिल का नाम उमीद्वार के लिस्ट मे नहीं था.

अजित पवार का हस्तक्षेप?

सूत्रों की माने तो सलिल का टिकट काटने के पीछे अजित पवार की अहम भूमिका मानी जा रही है. सलिल का टिकट कटा जिसका वजह पूर्व नागपुर की सीट पर अजित पवार के उम्मीदवार को टिकट नहीं देना था. सूत्र बताते हैं कि अजित पवार वह सीट नागपुर के एक व्यापारी को देना चाहते थे जो कि उस क्षेत्र में जाना माना नाम है और जीतने की ताक़त भी रखता है. बताया जाता है कि उस व्यापारी के नाम पर वरिष्ठ राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल ने खुद मोहर लगाईं थी और अजित पवार ने भी फॉर्म देने को कहा. एक नाटकीय घटनाक्रम में अनिल देशमुख समर्थित राकां के नेता और उनके समर्थक ने सामूहिक इस्तीफे का पत्ता फेंका जिसके बाद उस व्यापारी को टिकट ना देके पेठे को मिला और अजित पवार ने सलिल को टिकट देने से मना कर दिया.

राकांपा में अनिल देखमुख का दबदबा
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस से एनसीपी बनने के बाद पार्टी सुप्रीमो ने नागपुर जिले का पार्टी स्तर का जिम्मा अनिल देशमुख और रमेश बंग को सौंपा था. दोनों ने अवसर का लाभ उठाते हुए अपनी-अपनी रोटी सेंकनी शुरू कर दी.इस मामले में बंग ने राशन-केरोसीन तक खुद को बांध लिया. वही अनिल देशमुख ने काटोल सहित जिले सह नागपुर शहर में एनसीपी का नहीं बल्कि खुद का नेटवर्क खड़ा कर लिया.
पिछले चुनाव के पूर्व देशमुख को मंत्री पद से हटा दिया गया और रमेश बंग को मंत्री बनाया गया. सूत्र बताते हैं कि मंत्री बनते ही बंग की बढ़ती पकड़ से अनिल देशमुख सकपका गए. और पिछले विधानसभा चुनाव में बंग के खिलाफ धनबल खर्च कर तत्कालीन जिला यूथ अध्यक्ष बबलू गौतम को खड़ा कर उन्हें हरवा दिया. सरकार बनी तो जिले से अकेले होने के कारण उन्हें पुनः मंत्रिमंडल में स्थान मिल गया. इनकी खासियत यही है कि जिलापरिषद अध्यक्ष बनने से लेकर आजतक लालबत्ती का सुख भोगते रहे.लालबत्ती के आदि हो चुके अनिल बाबू राह के सभी प्रतिद्वंद्वी को हटाने में कामयाब रहे है.

Advertisement
Advertisement

Gold Rate
13 Sept 2025
Gold 24 KT ₹ 1,09,800 /-
Gold 22 KT ₹ 1,02,100 /-
Silver/Kg ₹ 1,29,000/-
Platinum ₹ 48,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above