नागपुर: नागपुर विक्री कर विभाग के संभागीयकार्यालय द्वारा बुधवार को जिएसटी लागू किए जानेका तगड़ा विरोध किया गया। विभाग के प्रथम श्रेणी अधिकारियों से लेकर चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों ने मिलकर जीएसटी का विरोध किया। इस विरोध प्रदर्शन मेंजीएसटी काउंसिल के निर्णयों का विरोध किया जा रहा है। काले फीते लगाकरविरोध किए जाने के बाद किए गए इस आंदोलन में कर्मचारियों को जीएसटी कमियोंऔर इससे राज्य के आर्थिक हितों को पहुंचनेवाली चोटों को लेकर गहन चिंतन कियागया। भाषण दिए गए।
आंदोलन नागपुर विभाग के अधिकारी संगठन के सहसचिव प्रगदीप बोरकर और उपाध्यक्ष राजेश कस्यप ने बुधवार को किए गएआंदोलन का नेतृत्व किया। श्री बोरकर ने बताया कि आंदोलन स्थल पर ली गई सभा में सभी वक्ताओं ने प्रस्तावित जीएसटी काउंसिल के निर्णय के बारे में राय प्रकट की। आनेवाली 25 नवंबर को नई दिल्ली में वित्तमंत्री अरुण जेटली की सभा मेें राज्य के आर्थित हितों का ख्याल रखने को लेकर अपील की जाएगी। जिसमें राज्य के अधिकारियों और कर्मचारियों के हितों और अधिकारों की रक्षा करने कीमांग का समावेश होगा। इस आंदोलन में विभाग के 138 अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों का समावेश रहा। आंदोलन में अप्पर विक्रीकर आयुक्त से लेकर वर्ग चार के सभी कर्मचारी शामिल थे। अधिकारियों में विशेष तौर से विक्रीकर सहआयुक्त पी.के. अग्रवाल का मार्गदर्शन रहा। आंदोलन के दौरान भाषण दिए गए जिसमें जीएसटी काउंसिल के बार में बताया।
श्री बोरकर ने बताया कि यह आंदोलन की वजहों को लेकर स्पष्ट किया कि संविधान में राज्य और केंद्र के वित्तीय अधिकारों का स्पष्ट उल्लेख है। लेकिन अभी जीएसटी काउंसिल के विविरण के अनुसार जीएसटी से राज्य के आर्थिक हितों पर अतिक्रमण होने की संभावना है। इसके लागू होने से केंद्रपर राज्यों को पूरी तरह आश्रित रहना पड़ सकता है। राज्योंका अपना आर्थिक संघीय ढांचा है, कार्यों का विकेंद्रीकरण होताहै। लेकिन जीेएसटी में यह संघीय आर्थिक ढांचा डगमगाने की संभावना है।