Published On : Sat, Aug 18th, 2018

परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों को सेंट जॉन स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षक ने बताया बेबुनियाद

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नागपुर – शुक्रवार को गड्डीगोदाम स्थित सेंट जॉन स्कूल के विद्यार्थी ने फिनाइल पीकर सुसाइड करने की कोशिश की थी. जिसमें विद्यार्थी के परिजन ने यह आरोप लगाया था कि स्कूल टीचर द्वारा प्रताड़ित करने की वजह से विद्यार्थी ने यह कदम उठाया है. फिलहाल विद्यार्थी खतरे से बाहर है. विद्यार्थी दसवीं कक्षा में पढ़ता है. उसकी बहन का यह आरोप था कि क्लास टीचर उसे कई दिनों से परेशान कर रहे हैं. जिसके कारण उसने फिनाइल पिया है. यह बहुत ही गंभीर मुद्दा है. लेकिन इस पूरे मामले में जब सेंट जॉन स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षक से बात की गई तो उन्होंने विद्यार्थियों के परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया है.

जिन शिक्षक पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया है उसमें पराग तरुणे का कहना है कि उन पर लगाया गया आरोप बेबुनियाद है. बच्चे को कभी भी प्रताड़ित नहीं किया गया है. स्कूल में गैरहाजिर रहने पर उसे हमेशा उन्होंने अच्छे और प्यार से समझाया है. बच्चा स्कूल में आने के बाद कई बार स्कूल बंक कर बाहर घूमता हुआ दूसरे विद्यार्थियों को दिखाई दिया था. बच्चे को लेकर स्कूल के प्रिंसिपल को भी शिकायत की गई थी. बच्चे के परिजनों को भी बुलाकर उनको बच्चे से सम्बंधित जानकारी दी गई थी. किसी भी विद्यार्थी को परेशान नहीं किया जाता है. विद्यार्थियों के परिजनों का लगाया गया आरोप सरासर बेबुनियाद है.

तो वहीं इस पूरे मामले में स्कूल के प्रिंसिपल पैट्रेस तिर्की ने कहा कि उनको इस बारे में शाम को पता लगा. पहले भी विद्यार्थी से सम्बंधित शिकायत शिक्षक ने की थी. आरोप पूरी तरह से झूठे हैं और अगर इस तरह से किसी भी तरह का आरोप सच होगा तो कार्रवाई करने का निर्णय लिया जाएगा.

इस मामले में विद्यार्थी के मामा स्टेनली जेरोम ने बताया कि बच्चे को पराग तरुणे की ओर से प्रताड़ित किया जा रहा था. बच्चे ने हॉस्पिटल में भी कहा कि दोनों पर कार्रवाई होनी चाहिए. बच्चे को टीसी देने की धमकी दी जा रही थी. गरीब होने की वजह से टीसी के डर से उसने यह कदम उठाया. सभी जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, लेकिन सुपरवाइजर पी.पी.कुंभलकर के केबिन में कैमरा नहीं है. उन्होंने बताया कि दोनों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. बच्चे की हालत कल काफी खराब थी.

आरटीई एक्शन कमेटी के चेयरमैन मोहम्मद शाहिद शरीफ ने बताया कि बच्चे को प्रताड़ित किया जा रहा था. बच्चे ने सुसाइड करने की कोशिश की, बावजूद इसके जरीपटका पुलिस कौन से दबाव में रिपोर्ट दर्ज नहीं कर रही है. जबकि जिला महिला व बाल विकास अधिकारी द्वारा जांच और कार्रवाई का निवेदन भी जरीपटका पुलिस को दिया गया है. उन्होंने कहा की 75 के तहत मामला दर्ज होना चाहिए. अगर पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं करती तो राष्ट्रीय बाल हक्क आयोग से निर्देश निकलवाकर रिपोर्ट दर्ज करवाई जाएगी. बजरंग दल के पदाधिकारियो और कार्यकर्ताओ की ओर से भी स्कुल में प्रदर्शन किया गया था और दोषी शिक्षक पर कार्रवाई की मांग की गई है और निलंबन की मांग भी की गई है.