नागपुर: पिछले दिनों वर्धा रोड स्थित सार्इं मंदिर में स्लैब गिरने की घटना को मंदिर के पूर्व ट्रस्टी राजीव जैस्वाल ने गंभीरता से लिया है। जैस्वाल ने वर्तमान मंडल अध्यक्ष को पत्र लिखकर घटना पर खेद जताते हुए मंडल अध्यक्ष से कहा कि उक्त घटना से किसी जानमाल को नुकसान नही हुआ,यह सुखद है। अगर आरती के वक़्त उक्त घटना घटी होती तो बड़े हादसा का सामना करना पड़ता और इसका दोष मंडल पर मढ़ दिया जाता।
मंडल सचिव को ठहराया जिम्मेदार
जैस्वाल ने पत्र में लिखा है कि इस स्लैब और पीओपी का काम वर्ष 2000 में किया गया था, जो कि निकृष्ट दर्जे का साबित हुआ। उक्त निर्माणकार्य बिना टेंडर के तत्कालीन मंडल सचिव अविनाश शेगांवकर के निरीक्षण व नेतृत्व में किया गया था। समझा जाता है कि तब इस्तेमाल की गई लोहे की सलाख व निर्माणकार्य की सामग्री जरूरतानुसार उपयोग नही की गई थी। इसलिए उक्त घटना के पूर्ण जवाबदार शेगांवकर को ठहराया जाए तो कोई अतिश्योक्ति नही होगी।
स्ट्रक्चरल इंजीनियर से हो जांच
इसलिए सार्इं भक्त साई सेवा परिवार की मांग है कि उक्त घटना की सूक्ष्म जांच की जाए। उक्त स्लैब की जांच स्ट्रक्चरल इंजीनियर से करवाई जाए। जब तक जांच रिपोर्ट नही आ जाती तब तक घटनाक्रम के बाद जारी मरम्मत कार्य को रोक दिया जाए।
मरम्मत करके हो रही है लीपा-पोती
वजह साफ है कि साई सेवा मंडल पब्लिक ट्रस्ट है। वर्ष 2000 में किए गए निम्न दर्जे काम को नकारा नहीं जा सकता है। भविष्य में उक्त घटनाक्रम दोहराई न जाए इसलिए हमारी मांग है कि जांच करवा कर दूध का दूध व पानी का पानी किया जाए। जांच के बाद निविदा निकालकर उत्कृष्ट दर्जे का मरम्मत कार्य आदि की जाए। जैस्वाल ने आरोप लगाया कि वर्तमान सचिव गिरी स्लैब व पीओपीकी जांच न करते हुए बिना निविदा के मरम्मत कार्य शुरू करवाकर अपने गैरकृत को छिपा रहे है। विडंबना यह भी है कि उक्त घटनाक्रम के बाद किसी भी विश्वस्त ने मामले की गंभीरता को देखते हुए घटनास्थल का मुआयना नही किया।
– राजीव रंजन कुशवाहा