Published On : Tue, Apr 11th, 2017

सीएम टू पीएम चाबुक यात्रा शुरू

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नागपुर
 : अमरावती जिले के अचलपुर से विधायक बच्चू कडू द्वारा निकाली जा रही आसूड यानि चाबुक यात्रा मंगलवार से शुरू हुई। नागपुर से शुरू यह यात्रा 21 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहनगर वड़नगर में संपन्न होगी। सीएम टू पीएम तक किसानों ,सैनिकों और दिव्यांगों की माँग पहुँचाने के लिए विधायक इस यात्रा पर निकले है। इस यात्रा में किसानों से जुड़े शेतकरी संगठन ,भूमिपुत्र और बलिराजा संगठन के ही साथ देश भर के बड़े किसान नेता और उनसे जुड़े संगठन के प्रतिनिधि इस यात्रा में भाग लेंगे।

इस आंदोलन के जरिये सरकार के समक्ष कई मांगे रखी गई है जिसमे शामिल है.

– स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को तत्काल प्रभाव से लागू करना
– फसलों पर लगी निर्यात बंदी को हटाना
– दिव्यांग और विधवा महिलाओं को हर महीने पांच हज़ार रूपए का मानधन देना
– सैनिकों के लिए बनाई गई विभिन्न योजनाओ को प्रभावी रूप से लागू करना शामिल है।

यह यात्रा निकाल रहे विधायक बच्चू कडू के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता और किसानों से किया गया वादा अब तक पूरा नहीं किया है। जब उनका दल जब विपक्ष में था तब उनकी पार्टी ने सोयाबीन को 6 हजार रूपए का मानधन देने की वकालत की थी पर अब जब राज्य में उनके दल की सरकार है तो 3 हजार का भाव दिया जा रहा है। नागपुर से निकली इस यात्रा को करीब 50 संगठनों ने अपना समर्थन दिया है और 3 हजार से ज्यादा किसान इसमें शामिल होंगे। अपने अनोखे और विवादस्पद आंदोलन के लिए पहचाने जाने वाले विधायक बच्चू कडु ने इस यात्रा को चाबुक यात्रा का नाम दिया है। यह यात्रा नागपुर से वर्धा ,यवतमाल , नांदेड़ ,परभणी ,बीड ,लातूर ,उस्मानाबाद ,सोलापुर ,सांगली ,कोल्हापुर ,सतारा ,पुणे ,अहमदनगर ,औरंगाबाद ,नाशिक ,धुले ,नंदुरबार होते हुए गुजरात के सूरत ,अहमदाबाद इलाकों का भ्रमण कर प्रधानमंत्री के गृहनगर वड़नगर 21 अप्रैल को पहुँचेगी।

किसानो के लिए कर्ज मुक्ति की माँग इन दिनों जोर पकड़ रही है। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी द्वारा किसानो का कर्ज माफ़ करने का फैसला लिए जाने के बाद अब राज्य सरकार पर दबाव बढ़ाया जा रहा है। इससे पहले विपक्षी दल के विधिमंडल सदस्य किसानो के लिए ही संघर्ष यात्रा निकाल चुके है।

वड़नगर पहुँचने के बाद 1000 विधवा महिलाएं और किसान रक्तदान दी करेंगे। कडु के मुताबिक महात्मा ज्योतिबा फुले ने समाज के स्वावलंबन के लिए प्रभावी कार्य किया है इसलिए उनकी जयंती के दिन ही इस यात्रा की शुरुवात की जा रही है।