Published On : Thu, Aug 30th, 2018

सदर के गड्ढों भरे मार्ग पर उछल रही गाड़ियां

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नागपुर: नागपुर सुधार प्रन्यास कार्यालय से काटोल रोड स्थित तिड़के महाविद्यालय तक फ्लाईओवर का निर्माण कार्य शुरू है. इसके निर्माण कार्य के पूर्व दोनों साइड के मार्ग को समतल करना जरूरी था परंतु दोनों ओर के मार्ग को समतल नहीं करने से उस पर अनगिनत गड्ढे हो गये तथा पूरा मार्ग उबड़-खाबड़ हो गया है.

इसके चलते बारिश के मौसम में उन गड्ढों में कीचड़ तथा पानी भर जाता है जिससे वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दिन के समय इस मार्ग पर यातायात का बोझ काफी बढ़ जाता है जिससे उन गड्ढे भरे उबड़-खाबड़ मार्ग से गाड़ियां उछल-उछल कर चलती हैं. वाहन चालकों को गाड़ियां निकालने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वाहन चालक का जरा सा भी संतुलन बिगड़े तो दुर्घटना का खतरा बना रहता है.

सनद रहे कि सदर का मुख्य रोड होने के साथ यह छिन्दवाड़ा और काटोल को जोड़नेवाली मुख्य सड़क है. यही वजह है कि यहां वाहनों की संख्या भी बहुत अधिक रहती है. बावजूद इन सब के सड़क पर लापरवाही से रख छोड़े गए गड्ढे, उसके आसपास जमा पत्थर के कारण रात के समय दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है. दिन के समय तो फिर भी वाहन चालक संभल कर चलता है, लेकिन रात के समय यहां से यातायात जोखिम भरा साबित हो रहा है.

भारी वाहनों का आवागमन मुश्किल
लिबर्टी टाकीज से सदर अंजुमन चौक तथा उसके आगे टी पाइंट एवं छावनी दुर्गा मंदिर चौक तक मार्ग की काफी दुर्दशा हो चुकी है. फ्लाई ओवर का निर्माणकार्य होने से दोनों ओर के मार्गों की चौड़ाई काफी कम रह गई है. इसके बावजूद वहीं से भारी वाहनों के आने-जाने के कारण इस मार्ग सुबह से रात 10-11 बजे तक जाम की स्थिति बनी रहती है. लिबर्टी टाकीज से सदर पुलिस स्टेशन एवं वहां से सेमिनरी हिल्स होते हुए काटोल रोड से छिंदवाड़ा जाने वाले एवं अन्य भारी वाहनों को निकाला जाये तो इस मार्ग की यातायात समस्या काफी हद तक हल हो सकती है.

परंतु देखा गया है कि इस मार्ग पर निर्माण कार्य के कारण यातायात समस्या काफी अधिक होने के बावजूद इसी मार्ग से छिंदवाड़ा जाने वाली बसों, ट्रैक्स एवं अन्य भारी वाहनों का आवागमन शुरू रहता है जिसके कारण मार्ग पर सतत जाम की स्थिति होने से टूव्हीलर तथा छोटे फोरव्हीलर वाहनों को वहां से आने जाने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.

शीघ्र करें मार्ग को समतल
दिन में तो वाहन चालक उन गड्ढों भरे मार्ग से किसी प्रकार निकल भी जाते है परंतु रात के समय बारिश के दौरान जब बिजली गुल हो जाती है और उन गड्ढों में बारिश का पानी तथा कीचड़ भर जाता है तो ऐसे समय टूव्हीलर चालकों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती है. उस समय मार्ग पर अंधेरे के कारण कीचड़, पानी से भरे गड्ढों का पता नहीं चलता तथा जरा सा भी संतुलन बिगड़ने पर दुर्घटना हो जाती है. नागरिकों ने फ्लाई ओवर के दोनों ओर के मार्गों को समतल कर गड्ढों को भरने की मांग की है.