Published On : Fri, Oct 13th, 2017

सबरीमाला मंदिर केस: सुप्रीम कोर्ट ने संविधान पीठ को सौंपा मामला

केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक के मामले में आज सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केस संवैधानिक बेंच को सौंप दिया है।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूछे गए कई सवालों पर संविधान पीठ को विचार करना होगा, जिनमें यह सवाल भी शामिल है कि क्या मंदिर महिलाओं का प्रवेश रोक सकता है। पिछले 1500 वर्षों से इस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक है, जिसे लेकर गैर-बराबरी के खिलाफ राज्य में आंदोलन चल रहा है।

वहीं मंदिर में पूजा-पाठ का हक पाने के लिए महिला संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में केस दायर किया था। साल 1990 में केरल हाई कोर्ट ने परंपराओं का हवाला देकर प्रवेश संबंधी याचिका को खारिज कर दिया था।

Gold Rate
23 Oct 2025
Gold 24 KT ₹ 1,23,300 /-
Gold 22 KT ₹ 1,14,700 /-
Silver/Kg ₹ 1,56,400/-
Platinum ₹ 60,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड की दलील है कि भगवान अयप्पा चूंकि नैश्ठिक ब्रह्मचारी हैं, इसलिए 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में घुसने नहीं दिया जा सकता। बोर्ड का कहना है कि उम्र के इस पड़ाव में महिलाएं चूंकि रजस्वला होती हैं, इसलिए उनके प्रवेश से ब्रह्मचारी भगवान अयप्पा की मर्यादा भंग हो जाएगी। इससे पहले महिलाएं शनि शिंगणापुर और हाजी अली दरगाह में प्रवेश पाने की लड़ाई जीत चुकी हैं।

Advertisement
Advertisement