अकोला। अपनी लंबे समय से प्रलंबित मांगों को लेकर अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संगठन अकोला विभाग की ओर से मंगलवार 10 मार्च से बेमियादी हडताल शुरू की गई है. इस हडताल की वजह से ग्रामीण क्षेत्र में डाक सेवा से जुडी कार्यप्रणाली प्रभावित हुई है. इस अवसर पर जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक केंद्रीय संगठन नई दिल्ली के निर्देश पर समस्त ग्रामीण डाक सेवकों ने मंगलवार 10 मार्च से प्रलंबित मांगो को लेकर बेमियादी अनशन शुरू किया है. इस संदर्भ में केंद्रीय संगठन ने डाक विभाग को 6 फरवरी को नोटिस देकर अग्निम सूचना दे रखी थी. अकोला विभाग ने इस हडताल में शामिल होकर शतप्रतिशत बंद रखने का फैसला किया है.
ग्रामीण डाक सेवकों को डाक विभाग में समाहित किया जाए, उन्हें विभाग के सेवारत कर्मचारियों की सुविधाएं दी जाए, उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में समिति स्थापित कर ग्रामीण डाक सेवकों के सेवानियम तय किए जाए एवं टास्क फोर्स के डाक विभाग का निगम में परिवर्तन करने का प्रस्ताव रोका जाए. इन मांगों के लिए यह देशव्यापी हडताल की जा रही है. इस हडताल के तहत ग्रामीण डाक सेवक संगठन के बी.बी. ओझा, आर.डी. नांदूरकर, बी.एस. बागडे के अलावा एस.एम. गोपनारायण, तुलसीराम बोबडे, अरूणकुमार धानोरकर, पी.पी. बोले, पी.के. सावरकर, आर.आर. थोरात, एस.एस. इंगले, एच.बी. फाटकर, डी.पी. तायडे, के.के. पटेल, एम.के. शर्मा, आर.आर. बोधमले, आर.एस. डहाके, जी.एच. जाधव, जी.डी. ताठे, देवानंद तायडे, सुधाकर इंगले आदि ने मुख्य डाकघर के सामने पंडाल डालकर आंदोलन शुरू किया है.