- सूचना के अधिकार के तहत जानकारी में ग्रामीण पुलिस का खुलासा
- 45 हत्याएं, 111 अपहरण और 374 लोगों की जान हादसे में गयी
नागपुर: ऊपर-ऊपर से शांत और संतुलित प्रतीत होने वाले नागपुर जिले के देहातों और कस्बों में अपराध कितनी गहरी जड़ें जमाए हुए है, इसका खुलासा सूचना के अधिकार की तहत मांगी गयी जानकारी से हुआ है। वर्ष 2016 में नागपुर जिले में दहेज़ के लिए 64 बहुओं की जान ली गयी, 66 बलात्कार के मामले जिले के विविध थानों में दर्ज हुए, 111 अपहरण की वारदातें हुईं और 45 हत्याएं हुईं। आरटीआई कार्यकर्ता अभय कोलारकर द्वारा मांगी गई जानकारी पर नागपुर ग्रामीण पुलिस ने यह खुलासा किया है।
वर्ष 2016 में 1 जनवरी से 31 दिसंबर के बीच 374 लोगों को असमय सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवानी पड़ी। इसी दौरान एक हजार से ज्यादा चोरी के मामले अलग-अलग थानों में दर्ज हुए, धोखाधड़ी के 72, डकैती के 8 और महिलाओं के गले से चैन झपटने की 28 घटनाएं हुईं।
जिले में महिलाओं पर हुए अत्याचार के मामले काफी चिंताजनक हैं। दहेज़ के लिए मृत्यु के आंकड़ें तो हमने ऊपर देखे, लेकिन 416 महिलाओं को किसी न किसी कारण से जलाकर घायल किए जाने की वारदातें भी नागपुर जिले में हुई हैं। 175 छेड़खानी के मामले भी नागपुर जिले के थानों में पिछले साल दर्ज हुए हैं। इसी दौरान जिले में 366 लोगों ने निराश होकर ख़ुदकुशी कर ली।
2016 में ही 315 अपराधियों को अदालत ने साक्ष्य के आभाव में बरी कर दिया, जबकि जिले से जुड़े 4252 मामले अदालतों में विचाराधीन हैं। पुलिस ने 1943 किलो मादक पदार्थ जिले के विविध ठिकानों से जब्त किए जिसकी बाजार में कीमत 19 करोड़ 37 लाख रुपए है।