Published On : Mon, Sep 5th, 2016

शहर की तर्ज ग्रामीण कांग्रेस कार्यकारिणी अभी नहीं?

Advertisement

Rajendra Mulak

नागपुर: शहर कांग्रेस की तर्ज ग्रामीण कांग्रेस भी काफी देर से जिला कांग्रेस की कार्यकारिणी की रचना सह घोषणा करेगी। तब तक पुरानी कार्यकारिणी के पदाधिकारियों पर गिद्ध दृष्टि रख आगामी चुनावों का सामना करने की मंशा लिए जिलाध्यक्ष सक्रीय है।

सूत्र बतलाते है कि नवनियुक्त जिलाध्यक्ष राजेंद्र मूलक की घोषणा होते ही सम्पूर्ण जिला व जिला कांग्रेसियो में उथल-पुथल शुरू हो गई। आज जिला कांग्रेस के अंदरूनी रूप से दो फाड़ हो चुके है। इसके मद्देनज़र जिला कांग्रेस की पुरानी कार्यकारिणी को बर्खास्त कर नई कार्यकारिणी की गठन मुनासिब नहीं है। पुराने जो कार्यकारिणी में है, उनमें से जिसको हटाएंगे वे जिलाध्यक्ष के निसंदेह विरोधी हो जायेंगे। ऐसे बागियों की फ़ौज तैयार हो गई तो इन्हें एकजुट करने के लिए जिलाध्यक्ष विरोधी गुट एक पाव पर तैयार खड़ा, जिलाध्यक्ष की गलतियों की राह ही तक रहा है।

उक्त हादसे का आभास होते ही जिलाध्यक्ष ने फ़िलहाल यह निर्णय लिया है कि पुराने कार्यकारिणी को कायम रख आगामी नगरपरिषद व जिलापरिषद चुनावों में भाग लेंगे। इस दौरान जिले का भ्रमण करते हुए नए ऊर्जावान कार्यकर्ताओं की सूची भी बनाते जायेंगे,जिलापरिषद के चुनाव में जो भी परिणाम आये, उसके बाद जिला कार्यकारिणी की घोषणा की जाएँगी।

उधर वर्त्तमान जिलाध्यक्ष और उसके विरोधी गुट से बराबरी की दुरी बनाये रखने वाले कट्टर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के अनुसार दोनों गुट प्रमुखों में खासियत व खामियां भी देख रहे है। इसलिए उनकी मानसिकता यह है कि कांग्रेस के उत्थान के लिए मूलक-केदार का मिलन होना जरुरी है। अगर समय रहते तथाकथित कांग्रेसी राष्ट्रीय नेताओं ने जिले में उक्त नेताओं के मध्य पनपी खटास नहीं ख़त्म की तो आगामी चुनावों में इसका परिणाम देखने लायक रहेगा।फिर अगर मिलन की सफल कोशिश कोई काम की नहीं रह जाएगी। इस वर्ष दिसंबर में कामठी नगरपरिषद चुनाव, अगले वर्ष मनपा चुनाव के बाद जिलापरिषद का चुनाव होने वाले है।

वर्तमान जिलाध्यक्ष की एक गलती के कारण जिले में आगामी चुनावों में सामानांतर कांग्रेस खड़ी करने की हवा है, वही मूलक को लेकर उत्साहित युवा कांग्रेसी वर्ग जिला कांग्रेस सह अन्य समितियों में अपने गुणवत्ता के अनुरूप जिम्मा पाने के लिए ललायित है, समय रहते इनके भवन को नहीं सराहा गया तो इनका जोश भी पहले की तरह ठंडा हो जायेगा।

जिला कांग्रेस की अहमियत के जानकारों का मानना है कि जिले में कांग्रेस को ऊर्जा देने के लिए सत्ताधारियों के खामियों को उजागर कर सार्वजानिक करते हुए लगातार आंदोलनात्मक भूमिका अख्तियार की गई तो जिला कांग्रेस पुनः अपने शबाब पर आ जायेगा। लेकिन ऐसा करने के लिए जिला कांग्रेस में दमखम वाला नेतृत्व नहीं और न ही करने वाले कांग्रेसी को पूर्ण समर्थन देने का मादा रखने वाले नेता कांग्रेस में शेष है। फ़िलहाल जो भी है पक्ष-विपक्ष को लेकर चलने वाले नेतृत्वकर्ता कांग्रेस में नज़र आते है।

राजीव रंजन कुशवाहा