किसान और उसके बेटे को गिरफ्तार न करने के एवज में 14000 की रिश्वत लेते हवलदार गिरफ्तार
गोंदिया: अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले एक भ्रष्ट हवलदार ने खाकी वर्दी की जांच प्रणाली पर ही सवाल खड़ा कर दिया है।
हैरानी की बात यह है थाने कानून का पालन करने के लिए बनाए गए हैं जबकि अब यह समझौते अड्डे बनते जा रहे हैं ऐसे में सवाल उठता है कि ‘ हुमने की हनक ‘ के पीछे कौन ?
बता दें कि सालेकसा थाने में दर्ज अप. क्र. 92/ 2022 की धारा 324 , 506 के इस मुकदमे में विवेचना के दौरान जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल हुमने ने ग्राम घोणसी निवासी 60 वर्षीय किसान और उसके बेटे को गिरफ्तार न करने तथा कोर्ट में हाजिर कर परस्पर जांच के मामले में सहयोग करने ( मामला दबाने ) हेतु 15000 घूस की मांग की थी ।
मोल भाव पश्चात यश होटल , बाजार चौक सालेकसा में जैसे ही 23 मार्च को हवलदार घूस की रकम 14000 रूपए स्वीकारने पहुंचा एसीबी टीम ने पंच गवाहों के समक्ष उसे धर दबोचा।
दरअसल सालेकसा तहसील के ग्राम घोंसी निवासी शिकायतकर्ता किसान का 18 मार्च को पड़ोसी के साथ नाली बनाने की बात को लेकर विवाद छिड़ गया जिसपर पड़ोसी ने शिकायतकर्ता व उसके बेटे के खिलाफ सालेकसा थाने में धारा 324 के तहत शिकायत दर्ज करा दी। उक्त मामले की जांच पो.ह. हुमने को सौंपी गई।
पुलिस हवलदार हुमने के बुलाने पर शिकायतकर्ता 19 मार्च को उससे मिलने सालेकसा थाने पहुंचा, जहां हुमने ने किसान व उसके बेटे के खिलाफ दर्ज मामले में गिरफ्तार न करते हुए परस्पर कोर्ट में हाजिर करने तथा जांच में सहयोग करने के लिए 15 हजार रूपये रिश्वत की डिमांड कर दी।
क्योंकि शिकायतकर्ता यह रिश्वत की रकम देने का इच्छुक नहीं था लिहाजा उसने 21 मार्च को भ्रष्टाचार प्रतिबंध विभाग के गोंदिया दफ्तर पहुंच पुलिसकर्मी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी।
मामले की जांच पश्चात एसीबी विभाग अधिकारियों ने जाल बिछाया और 23 मार्च को सफल कार्रवाई को अंजाम देते हुए सालेकसा के बाजार चौक स्थित यश होटल ( चाय-नाश्ता) की दुकान पर पुलिसकर्मी विजय हुमने इसे शिकायतकर्ता से मोलभाव पश्चात 14 हजार रूपये की रिश्वत लेते पंच गवाहों के समक्ष रंगेहाथों धर लिया।
अब घुसखोर पुलिसकर्मी के खिलाफ उसी के ही थाने में भ्रष्टाचार प्रतिबंध अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत रिश्वतखोरी का जुर्म दर्ज किया गया है।
उक्त कार्रवाई पुलिस अधीक्षक राकेश ओला, अपर पुलिस अधीक्षक मधुकर गीते (एसीबी नागपुर) के मार्गदर्शन में पुलिस उपअधीक्षक पुरूषोत्तम अहेरकर, सउपनि विजय खोब्रागड़े, पो.ह. राजेश शेंद्रे, नापोसि मंगेश कहालकर, अशोक कापसे, संतोष शेंडे, संतोष बोपचे आदि द्वारा की गई।
*रवि आर्य*