नागपुर: एनआइटी (नागपुर सुधार प्रन्यास) द्वारा शंकरनगर स्थित महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा की लीज को रिन्यू करने के लिए सोमवार को आयोजित जनसुनवाई स्थगित हो गयी। महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा की लीज से जुड़ा मामला अदालत तक गया था। सिटीजन फोरम इक्वलिटी के अध्यक्ष मधुकर कुकड़े ने महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा और वाक्हर्ट अस्पताल के खिलाफ मुंबई उच्च न्यायालय के समक्ष एक जनहित याचिका दायर की थी, जिस पर अदालत ने राष्ट्रभाषा सभा से 163 करोड़ रुपए प्रिमियम के भुगतान और और लीज को बढ़ाने के लिए जनसुनवाई लेने का आदेश दिया था।
अदालत ने मामले पर सीधे तौर पर हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा को 40 करोड़ रूपए जमा करने और राज्य सरकार के समक्ष मामला ले कर जाने का सुझाव दिया था। एनआईटी सभापति की उपस्थिति में बंद कमरे में आयोजित जनसुनवाई में कई संगठनों ने लीज को बढ़ाने का विरोध किया। लोग सभापति के कैबिन में पहुँचकर हंगामा करने लगे जिसके बाद भारी हंगामे के बीच जनसुनवाई को स्थगित कर दिया गया। अब 1 नवंबर को नैवेद्यम सभागृह में सुनवाई आयोजित की गयी है।
एनआइटी द्वारा मामले की जनसुनवाई बंद कमरे में लिए जाने पर कई संगठनों ने आपत्ति दर्ज कराई जिस पर सफ़ाई सभापति डा. दीपक म्हैसेकर ने बताया कि काफी लोगों के आने से कक्ष में सुनवाई करना संभव नहीं था,जिस वजह से सुनवाई स्थगित की गई है । अब 1 सितंबर को नैवेद्यम सभागृह में आयोजित की जाएगी व वहां सभी के आपत्ति व सुझाव सुने जाएंगे।
– राजीव रंजन कुशवाहा