नागपुर: आरटीई के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में पालकों को होनेवाली परेशानी कम नहीं हो रही है. प्रशासन की ओर से रजिस्ट्रेशन के आकड़े दिए जा रहे हैं, लेकिन आगे की प्रक्रिया पालकों को काफी निराश कर रही है. पालकों की शिकायत के अनुसार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के बाद मोबाइल में कई पालकों को कन्फर्मेशन मेसेज नहीं मिल रहा है. पहले दिन से ही आरटीई की खामियां सामने आने लगी थी.
बावजूद इसके नागपुर का शिक्षा विभाग सोता रहा है. पहले दिन केवल नाशिक जिला ही आरटीई की वेबसाइट में दिखाई दे रहा था, पहले दिन चार बजे ऑनलाइन आवेदन शुरू किए गए थे, शाम तक केवल 14 जिले ही वेबसाइट में दिखाई दे रहे थे. दूसरे दिन भी पूरे जिले नहीं आए थे. इस कारण हर जिले की अपडेट भी लेट हुई है. कई पालक ऐसे थे कि उनके घर से स्कूल पास होने के बाद भी वह स्कूल वेबसाइट में नहीं दिखाई दी. दूसरे दिन उसके रजिस्ट्रेशन में दो स्कूल दिखाई दिए और तीसरे दिन उस पालक का स्कूलों का आकड़ा भी बढ़ गया है. जिसके कारण अन्य स्कूल में बच्चे का अधिकार गया. इस समस्या का सबसे बड़ा कारण सिस्टम में गड़बड़ी था.
इस बारे में आरटीई एक्शन कमेटी के चेयरमैन मो. शाहिद शरीफ ने बताया कि प्रशासन की ओर से ऑनलाइन आवेदन को लेकर लापरवाही की जा रही है. सिस्टम ही अपडेट नहीं हो रहा है. शिक्षा विभाग की ओर से जो रजिस्ट्रेशन का जो डेटा भेजा जा रहा है वह पूरी तरह से बोगस है. शरीफ ने पालकों से अपील की है कि जब तक सिस्टम ठीक ढंग से नहीं चलता तब तक अपने बच्चों के ऑनलाइन आवेदन न भरें. गूगल कंपनी जो है वह डिस्प्ले कर रही है. जो की नहीं होना चाहिए. पालकों की ओर से मैपिंग करने के लिए बलून रखते हैं और जब मैपिंग को सब्मिशन करने जाते हैं तो उसकी पोजीशन बदल जाती है. आरटीई से जुड़ी पांच समस्याओं को लेकर उप सचिव सुवर्णा खरात और शिक्षणाधिकारी को शिकायत दी गई है.
शरीफ ने पालकों से अपील की है कि मोबाइल अपने साथ रखें और एडमिशन होने पर स्कूल का डिक्लेरेशन अपने पास रखें. उन्होंने बताया कि मोबाइल एसएमएस, गूगल मैपिंग और पास में स्कूल होने के बाद भी वेबसाइट में स्कूल नहीं दिखाई दे रही है.