नागपुर: शिक्षा का अधिकार (आरटीई ) की तहत गरीब तबके के बच्चों को मुफ्त शिक्षा मुहैया कराने की प्रक्रिया नागपुर जिले के लिए 5 फरवरी से ऑनलाइन शुरु की जा रही है। आरटीई के अंतर्गत 25 प्रतिशत सीटों पर निर्धन तबके के विद्यार्थियों को शहर के प्रमुख स्कूलों प्रवेश देना अनिवार्य है। लेकिन वर्ष 2016 में नागपुर शहर की स्कूलों में 7000 सीटों में से केवल 4959 विद्यार्थियों को ही प्रवेश मिल पाया। लगभग 2 हजार विद्याथियों को प्रवेश नकार दिया गया था।
आरटीई के तहत स्कूल में प्रवेश से वंचित किए गए विद्यार्थियों के अभिभावकों ने खुद ही एडमिशन करा लिया। पिछले वर्ष जिस समय स्कूल शुरु हुए थे उसी समय जून जुलाई में आरटीई की प्रवेश प्रक्रिया शुरु की गयी थी, जिसके कारण बच्चो के अभिभावकों ने अपने बच्चों के एडमिशन दूसरी स्कूलों में करा दिए। लेकिन इस बार ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया की शुरुवात फरवरी महीने में होने से बच्चों के अभिभावकों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी।
आरटीई कार्यकर्ता नितिन फूलमाली ने बताया की आरटीई को लेकर नागरिकों में जागरुगता लाने के लिए प्रशासन गंभीर नहीं है। जिस तरह से पोलिओ का प्रचार और प्रसार किया जाता है। उसी तरह से आरटीई की ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के बारे में भी नागरिकों को जानकारी देनी चाहिए।
जिला परिषद के प्राथमिक शिक्षाधिकारी दीपेंद्र लोखंडे ने आरटीई की जानकारी देते हुए बताया कि आरटीई के बारे में आम शहरी को जानकारी देने के लिए पिछले साल की तरह इस वर्ष भी प्रयास किया जाएगा। पोस्टर, बैनर और विज्ञापन के माध्यम से भी नागरिकों तक पहुंचा जाएगा।