नागपुर कृषि उत्पन्न बाजार समिति(एपीएमसी),कलमना में सैकड़ों मजदूर रोजाना कमाते-खाते हैं. आय इतनी नहीं होती कि ताजा-तरीन खरीद खा सकें. इसलिए परिसर में ख़राब हुए फलों को फेंक दिए जाने पर ,उनमें से चुन-चुन कर खाने को मजबूर हैं.इसे ‘एपीएमसी’ द्वारा एक प्रकार का शोषण कहा जाये तो अतिश्योक्ति नहीं होंगी.
नागपुर जिले को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए खाकी-खादी सक्रिय हैं. जब से नागपुर स्मार्ट सिटी की श्रेणी में आया है तब से हक़ीक़त में कुछ भी दिखने वाली पहल नहीं हुई. अबतक जो भी हुआ कागजों तक सीमित है.
प्रशासन की नज़र में स्मार्ट सिटी याने बनी-बनाई को उजाड़ो और नई संकल्पना के तहत उसे सरकारी राजस्व खर्च कर खुद को सवारों. जबकि होना यह भी चाहिए कि स्मार्ट सिटी बनाने के साथ ही साथ रहवासियों को भी स्मार्ट व्यवस्था सह नौकरी व व्यवसाय का अवसर मिले. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं.
विगत दिनों नागपुर कृषि उत्पन्न बाजार समिति(एपीएमसी),कलमना के तथाकथित नेतृत्वकर्ताओं ने असुरक्षित ‘एपीएमसी’ परिसर व आसपास को सुरक्षित रखने हेतु जिला प्रशासन से गुहार लगाई थी. क्यूंकि मामला छोटे-बड़े व्यापारियों से ताल्लुक था. विडंबना यह है कि इसी व्यापारी वर्ग और परिसर के सफेदपोश ‘एपीएमसी’ में सैकड़ों किसान अपने उपज लेकर आते हैं, जिन्हें रिंग बनाकर औने-पौने दामों में खरीद लिया जाता है. कभी कुछ उत्पाद के नगदी रकम देते तो कुछ के माल बिकने के बाद दिया जाता है. इस बीच रखे उपज का कुछ नुकसान हुआ तो अपना हाथ खड़ा कर किसानों पर ही नुकसान थोंपते आए हैं.
दूसरी ओर परिसर में सैकड़ों मजदूर काम करते हैं और आसपास ही रहते हैं. इनका तो रोज ही शोषण होता है. काफी अल्प दर में रोजाना खटाया जाता है. मामूली रोजी के कारण ये अपने परिजनों को अच्छी व ताजी सब्जी, फल, अनाज तक नहीं खिला सकते. इसलिए जब परिसर का कामकाज ठंडा हो जाता या छुट्टी रहती है. व्यापारियों द्वारा फेंके गए अनाज,फल,सब्जी जिन पर कीड़े-मक्खियाँ भिन्न-भिन्नाती रहती उसमें से अच्छे दिखने वाले फल सब्जी चुनकर घर ले जाते और उसका सेवन करते हैं.
जिला प्रशासन को उक्त मसले को गंभीरता से लेते हुए ‘एपीएमसी’ प्रबंधन को चेतावनी देनी चाहिए कि परिसर में कोई कहीं पर ख़राब-सड़ा अनाज,फल,सब्जी न फेंके ताकि कोई ख़राब अनाज,फल,सब्जी खाकर ‘विषबाधा’ का शिकार न हो जाए. ‘एपीएमसी’ प्रबंधन ने इन मजदूरों का शोषण रोकने के साथ ही साथ इन्हें बचा हुआ अनाज, सब्जी,फल अल्प दर में दे देना चाहिए.