Published On : Sat, Mar 31st, 2018

नागपुर मेट्रो की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं का नहीं थम रहा सिलसिला, शनिवार सुबह एक और हादसा

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नागपुर: एनएमआरसीएल ( नागपुर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ) द्वारा एक्सीडेंट को लेकर भले ही ज़ीरो टॉलेरेंस बरते जाने का दावा किया जा रहा हो लेकिन हक़ीक़त ये है मेट्रो प्रोजेक्ट की वजह से लगातार हादसे हो रहे है जिनकी संख्या बीते कुछ दिनों में बढ़ गयी है। शनिवार को दुर्घटना का एक ऐसा ही मामला सामने आया। सुबह 6 बजे के लगभग सीए रोड स्थित दरोडकर चौक पर जयेश जैन नामक व्यक्ति की खड़ी स्विफ्ट कार पर क्रेन गिर गई। हादसे में कार को क्षति पहुँची, जिसकी नुकसान भरपाई देने का भरोषा उसे मेट्रो की तरफ से दिया गया है।

बीते दिनों मेट्रो हाउस में पत्रकारों से बातचीत में मेट्रो प्रमुख बृजेश दीक्षित ने दावा किया था कि “शून्य प्रतिशत दुर्घटना भी न हो इस हद तक ध्यान रखा जा रहा है। अब तक दुर्घटना के जो भी मामले सामने आये है उसमे मेट्रो के निर्माणकार्य में नियुक्त कम्पनियो की गलती सामने आयी है जिसके लिए उन्हें दंड भी किया गया है। लेकिन भविष्य में इस बात जा ध्यान रखा जाएगा की दुर्घटना हो ही न” मेट्रो प्रमुख द्वारा दिए गए भरोसे के बाद भी दुर्घटनाओं का सिलसिला लगातार जारी है और इसके लिए नागपुर मेट्रो सिर्फ ये कहकर पल्ला नहीं झाड़ सकती कि गलती निर्माण कर रही कंस्ट्रक्शन कंपनी की है क्यूँकि काम तो मेट्रो अधिकारियो के सुपरविजन में ही हो रहा है।

सिर्फ शहर के आम लोग की नहीं मेट्रो के काम में लगे कर्मचारी और मजदुर भी दुर्घटना का शिकार हो रहे है। बीते दिनों वर्धा रोड पर अभियंता की दर्दनाक मौत का मामला सामने आने के बाद हालिया वाक़िये में अंबाझरी मार्ग पर बाईक सवार 26 वर्षीय मजदुर मनोज अंबोले के पैरों पर मेट्रो की साइसिंग कुछ इस तरह गिरी की उसके बाएं पर की हड्डी टूट गई। घर में अकेला कमाने वाले शख्स के दुर्घटना में शिकार हो जाने की वजह से परिवार पर दो जून की रोटी का संकट खड़ा हो गया है। मजदुर युवा घर में कमाने वाला था,घर में पत्नी के अलावा तीन बच्चे है मेट्रो प्रबंधन ने ईलाज का खर्चा देने की पहल की जिससे थोड़ा ढाढ़स जरूर बंधा है। मगर सवाल घर चलाने का है। ख़ास है कि मेट्रो ने मानवता के आधार पर मदत देने का वादा तो किया है लेकिन दुर्घटना मेट्रो की वजह से हुई इस बात से इनकार किया है।

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जिस समय दुर्घटना हुई उस वक्त बाईक पर मनोज के साथ उसका साथी अभिषेख सुमंत भी था। अभिषेख ने बताया वो और मनोज बुधवार शाम 7 बजे के लगभग सीताबर्डी चौक से नार्थ अंबाझरी मार्ग की तरफ जा रहे थे सामने बस चल रही थी। बस के आगे बढ़ते ही बैरिकेड अचानक बाईक पर आकार गिर गया। हादसे के बाद वहाँ काम कर रहे मेट्रो कर्मचारी भाग खड़े हुए। मनोज ने 100 नंबर पर सूचना दी लेकिन समय पर मदत नहीं मिली। जैसे तैसे दोनों खुद ही पास के लता मंगेशकर अस्पताल पहुँचे। जहाँ पता चला की मनोज के पैर की हड्डी दो जगह से फ़ैक्चर है। अब तक उसके 12 हजार रूपए खर्च हो चुके है जबकि ईलाज में लाखों का खर्च आएगा।

विधायक ने फ़ोन किया तो घायल की सुध लेने को तैयार हुई मेट्रो
कुछ दिन पूर्व ही राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह के तहत मेट्रो हॉउस में एक कार्यक्रम के दौरान मेट्रो कर्मचारियों को सुरक्षा की शपथ दिलाई गई थी। शायद यह शपथ अंबाझरी मार्ग पर काम करने वाले कर्मचारियों तक नहीं पहुँची इसलिए दुर्घटना के बाद वो भाग खड़े हुए। दुर्घटना के बाद घायल मजदुर की किसी ने सुध नहीं ली। इसकी जानकारी जब भाजपा नेता राकेश बोबड़े तक पहुँची उन्होंने मेट्रो प्रशासन को इसकी जानकारी दी। स्थानीय विधायक सुधाकर देशमुख को सूचना मिलने पर उन्होंने मेट्रो के अधिकारियों से जख़्मी को मदत करने का निर्देश दिया जिसके बाद मेट्रो प्रबंधन की तरह से मदत के लिए तेजी दिखाई गई।

सेफ्टी ट्रेनिंग को बनाया जायेगा प्रभावी
नागपुर मेट्रो के प्रचार-प्रसार विभाग प्रमुख और कॉर्पोरेट संचार उप महाव्यवस्थापक अखिलेश हलवे के मुताबिक हादसे की घटना होना दुखद है। मेट्रो की कोशिश होती है की गलती की संभावना न हो बावजूद इसके दुर्घटना के कुछ मामले सामने आयी जिनकी जाँच जारी है। मेट्रो का सेफ्टी विभाग है जो सुरक्षा संबंधी कार्यो पर ध्यान देता है। इसके तहत समय-समय पर काम करने वाले मजदूरों को ट्रेनिंग देने का काम किया जाता है। इस काम को और प्रभावी बनाया जाएगा।

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