आरटीई एक्शन कमेटी को मिली कई पालकों की शिकायतें
नागपुर: आरटीई के अंतर्गत एडमिशन होने के बावजूद भी शहर की कई स्कूलें पालकों को फिर से नर्सरी और के-जीवन में एडमिशन करने के लिए कहा जा रहा है. जिसके कारण आरटीई एक्शन कमेटी ने पालकों को जानकारी दी है कि केजी-1 और केजी-2 के लिए बच्चों को दोबारा पहली कक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की जरूरत नहीं है.
आरटीई एक्शन कमेटी के अनुसार कमेटी को कई शिकायतें मिल रही थीं कि केजी-1 और केजी-2 वाले बच्चों को फिर से पहली क्लास में एडमिशन लेने के लिए स्कूलों की ओर से कहा जा रहा है. कमेटी के चेयरमैन मो. शाहिद शरीफ ने बताया कि आरटीई अधिनियम के अनुसार जो स्कूल का एंट्री लेवल जहां से शुरू हो रहा है वहीं से आठवीं तक मुफ्त शिक्षा देना अनिवार्य है. नियम के माध्यम से उन्होंने सभी पालकों से अपील की है कि पालक गुमराह न हो. पालकों को नर्सरी, केजी-1, केजी-2 के बच्चों को दोबारा पहली क्लास के लिए एडमिशन लेने की जरूरत नहीं है.
शरीफ ने बताया कि कमेटी के पास कई शिकायतें आई है कि स्कूल वाले पालकों से कह रहे हैं कि आपको दोबारा पहली से एडमिशन लेना होगा. कई स्कूल संचालक तो यह कह रहे है कि या तो पहली क्लास में दोबारा एडमिशन ले या फिर स्कूल छोड़ दीजिए. उन्होंने बताया कि कई स्कूलों ने माइनॉरिटी स्टेटस लिया है. जिसके कारण उन्हें आरटीई अधिनियम 12 (1 ) से छूट मिली है.
लेकिन वर्तमान में दिए हुए आरटीई में प्रवेशवाले छात्रों को आठवीं तक मुफ्त में शिक्षा देना अनिवार्य होगा. क्योकि प्रवेश के समय वह स्कूल माइनॉरिटी स्टेटस में नहीं थीं और उसका यूडायस और प्रतिज्ञापत्र 25 प्रतिशत आरटीई में देने का आवेदन शिक्षा विभाग को दिया गया था. उन्होंने कहा है कि 105 करोड़ रुपए सरकार ने आरटीई के तहत स्कूलवालों को दिए है. जिसके कारण अब स्कूल संचालक यह नहीं कह सकते कि निधि नहीं मिला है.