गोंदिया। धान का कटोरा कहे जाने वाले गोंदिया जिले में राईस मिलर्स के नित रोज़ नए-नए हेराफेरी के कारनामे सामने आ रहे हैं। सरकार से अच्छी क्वालिटी के धान की पैडी लेकर गोदामों में घटिया चावल जमा करने वाले जिले के 33 राइस मिलों को ब्लैकलिस्टेड घोषित करते हुए उन्हें 3 वर्षों के लिए काली सूची में डाल दिया गया है । कलेक्टर के आदेश के बाद अब आने वाले 3 वर्षों तक इन राइस मिलर्स को कस्टम मिलिंग के लिए पिसाई हेतु धान नहीं मिलेगा।
इसके साथ ही इन 33 राइस मिल मालिकों को 6 सप्ताह के भीतर अच्छी क्वालिटी का चावल गोदामों में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं और उत्कृष्ट क्वालिटी का चावल जमा न करने की सूरत में इन मिलर्स पर एफआईआर दर्ज करने की बात कही गई है। बता दें कि इसके पूर्व जून 2023 के आखिरी सप्ताह में देवरी तहसील के 7 राइस मिलों को ब्लैक लिस्ट घोषित किया गया था और अब 33 राइस मिलों पर आज गिरी है इस तरह काली सूची में शामिल किए गए मिलर्स की संख्या जिले में बढ़कर 40 हो गई है।
केंद्रीय जांच दल ने चावल की जांच की और इसे खाने के अयोग्य पाया विशेष उल्लेखनीय की जिला मार्केटिंग फेडरेशन जिला आदिवासी विकास महामंडल ने गोंदिया जिले के किसानों से शासकीय समर्थन मूल्य आधार पर वर्ष 2022 में धान खरीदी किया था।
इस खरीदी किए गए धान की पिसाई ( कस्टम मिलिंग ) के लिए गोंदिया के राइस मिलर्स के साथ करारनामा किया गया था। इन 33 मिलर्स ने सरकार से अच्छी क्वालिटी के धान की पैडी ले ली लेकिन उस धान की खुले बाजार में हेरा फेरी कर ली और घटिया चावल गोदामों में जमा कर दिया। फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के केंद्रीय दल की टीमों ने राज्य के 5 जिलों के अंबेजोगाई , परली , धारूर , शिरूर , माजलगांव , केज , सिरसाड़ा , पुसरा , ग्रामीण बीड़ , आजरा , भूदरगढ़ , इचलकरंजी , गडहिंग्लज , हातकणंगले, कागल , चंदगड , अहमदपुर , लातूर , चाकुर रेणापुर , निलंगा ,चड़कोट , देवणी , मादलमोड़ी , परोदा इन शहरों के गोदामों पर दस्तक दी जब गोंदिया के इन 33 मिलर्स द्वारा जमा कराए गए चावल के गुणवत्ता की जांच की तो इसे खाने के अयोग्य पाया।
घटिया चावल की आपूर्ति करने का दोषी पाए जाने के बाद केंद्रीय जांच दल ने गोंदिया कलेक्टर चिन्मय गोतमारे को अपनी रिपोर्ट सौंपी जिसके बाद इन 33 राइस मिलों को 3 साल के लिए ब्लैक लिस्टेड करने का निर्णय लिया गया है। कलेक्टर के आदेश में कहा गया कि राशन दुकानों के माध्यम से गरीब उपभोक्ताओं को आपूर्ति किए जाने वाले चावल की गुणवत्ता के मानकों को बनाए रखने के महत्व पर ज़ोर दिया जाएगा , साथ ही 6 सप्ताह के भीतर अच्छी क्वालिटी का चावल गोदामों में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं नहीं जमा करने पर संबंधित राइस मिलर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। जिलाधीश चिन्मय गोतमारे ने जानकारी देते बताया- महाराष्ट्र के बीड़ जिले के 3 स्थानों पर , लातूर जिले के 11 स्थानों पर , नंदुरबार जिले के 10 स्थानों पर , कोल्हापुर जिले के 8 स्थानों पर तथा नासिक जिले के एक स्थान पर इन 33 राइस मिलर्स ने घटिया चावल की आपूर्ति की है जिनके खिलाफ अब सख्त एक्शन लिया जा रहा है , यह कार्रवाई सभी राइस मिल मालिकों को एक संदेश देती है कि घटिया चावल की आपूर्ति बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
रवि आर्य