Published On : Sat, Sep 14th, 2019

हिंदी में रेलवे आरक्षण फार्म भरने वाले यात्रियों का हुआ सम्मान

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नागपुर: हिन्‍दी में रेलवे आरक्षण फार्म भरने पर यात्रीयो को सम्मानित किया गया. मंडल रेल प्रबंधक सोमेश कुमार के नेतृत्‍व में हिंदी के विकास में अभिनव पहल का शुभारंभ किया गया. 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया और सभी केंद्र सरकार के कार्यालयों में हिंदी में कार्य करना शुरू हुआ. राजभाषा नीति के अनुसार जनता द्वारा प्रयुक्‍त सामग्री को त्रिभाषा प्रणाली के अंतर्गत तीनों भाषाओं में जारी करना अनिवार्य है अत: रेलवे के आरक्षण फार्म भी सभी रेलवे स्‍टेशनों पर तीनों भाषाओं में उपलब्‍ध है.

मध्‍य रेल के नागपुर मंडल द्वारा हिंदी दिवस, 14 सितंबर 2019 के अवसर पर हिंदी के विकास में एक अभिनव पहल की शुरूआत हुई है. इसमें 1 अगस्‍त से 31 अगस्‍त 2019 तक जिन यात्रियों ने आरक्षण फार्म हिंदी में भरे उनका एक रिकॉर्ड रखकर ड्रॉ करके उनमें से 5 यात्रियों को मंडल रेल प्रबंधक के हाथों से पुरस्‍कृत किया गया. भारतीय रेल पर हिंदी के विकास में प्रारंभ की गई यह अभूतपूर्व एवं अनूठी घटना है जहॉं रेलवे के सम्‍मानीय ग्राहक, अर्थात यात्रियों को हिंदी से जोड़ा गया.

यात्रियों में सविता खोकरे, सुनीता नरूले, कृष्‍णाजी बाराहाते, आनंद पटले, उमाकांत देवतले शामिल थे. यात्रियों को हिंदी में फॉर्म भरने के लिए मुख्‍य आरक्षण पर्यवेक्षक राजेन्‍द्र जुनघरे तथा उनके सहायक कर्मचारियों ने सहायता की. हिंदी दिवस समारोह के पश्‍चात रेल कर्मचारियों द्वारा स्‍वच्‍छता अभियान को मूर्तरूप दिया गया. हिंदी में एक नुक्‍कड नाटक प्रस्‍तुत किया गया. जिसमें कलाकारों ने यात्रियों को प्‍लास्टिक की बोतलें, चाय के कप तथा प्‍लास्टिक की थैलियों का उपयोग न करने का बहुत ही सार्थक संदेश दिया. साथ ही प्‍लास्टिक के उपयोग से होनेवाली कैंसर जैसी गंभीर बिमारियों के दुष्‍परिणामों के बारे में बहुत ही सुंदर शब्‍दों में समझाया. इसके लिए मंडल रेल प्रबंधक सोमेश कुमार, अपर मंडल रेल प्रबंधक एन. के. भंडारी, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर (टीआरएस) विलोशे अमित गुप्ता एवं मंडल परिचालन प्रबंधक (कोचिंग) पंकज कुमार तथा आरक्षण कार्यालय के आरक्षण पर्यवेक्षक बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

संपूर्ण कार्यक्रम के लिए वरिष्‍ठ मंडल वाणिज्‍य प्रबंधक कृष्‍णाथ पाटील का मुख्‍य रूप से समर्थन एवं मार्गदर्शन प्राप्‍त हुआ तथा संचालन पूर्णिमा तलवारे, राजभाषा अधिकारी ने किया. इसके लिए वाणिज्‍य विभाग के सुनिल कापटे मुख्‍य कार्यालय अधीक्षक, संजय मुले मंडल वाणिज्‍य निरीक्षक तथा अतिन भेंडकर मुख्‍य वाणिज्‍य निरीक्षक तथा राजभाषा विभाग से मीना कांबले वरिष्‍ठ अनुवादक, पी.जे. बडवाईक तथा विजया घाटे अनुवादक ने अमूल्‍य योगदान दिया.