नागपुर: आत्महत्या करने वाले किसानों के परिजनों को राहत प्रदान करने के लिए यदि परिवार के सदस्यों पर ऋण बकाया है तो ऐसे मामलों की जांच कर प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई की जाए, इस आशय के विचार निवासी डिप्टी कलेक्टर विजया बनकर ने संबंधित तहसीलदारों को निर्देश देते हुए व्यक्त किए। किसी के साथ अन्याय न हो और मामलों की गंभीरता को समझकर तत्काल उचित कार्रवाई की जाए, इसपर ज़ोर दिया।
जिलाधिकारी कार्यालय के छत्रपति हाल में किसान आत्महत्या जिला स्तरीय समिति की बैठक हुई, उस समय वे बोल रही थीं। इस अवसर पर जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी मिलिंद शेंडे, उमरेड अनुमंडल पदाधिकारी चंद्रकांत खंडाइत, सहायक निबंधक रवींद्र पौणिकर सहित समिति के सदस्य गण उपस्थित थे।
जिले के 13 तहसीलदारों को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग से जोड़ा गया। चूंकि शीतकालीन सत्र की अवधि नजदीक आ रही है, इसलिए लंबित मामलों का 15 दिनों के भीतर निस्तारण किया जाना चाहिए।
बनकर ने अपर्याप्त जानकारी एवं कुछ तकनीकी दिक्कतों के कारण लंबित मामलों की पुनः जांच कर सभी विभागों द्वारा समन्वय करते हुए मामलों का निराकरण करने के निर्देश दिए। इस समय समिति के समक्ष कुल 33 किसान आत्महत्या के मामले रखे गए थे। 18 मामले योग्य पाए गए जबकि 7 मामले अयोग्य घोषित किए गए। शेष 8 मामलों का विश्लेषण लंबित हैं।