Published On : Thu, Jul 29th, 2021

खापरखेड़ा क्षेत्र वासियों को जहरीले प्रदूषण के प्रकोप का खतरा

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– एश हैन्डलिंग ठेका कार्यों में विलंब का दुष्परिणाम

नागपुर– महानिर्मिती 500 मेगावाट उत्पादन क्षमता वाले खापरखेडा सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट मे राख की समस्या का निराकरण, पर्यावरण संरक्षण एवं परिसर को प्रदूषण मुक्त बनाने के उद्देश्य से एश हैन्डलिंग प्लांट मे प्रस्तावित ट्यूब- सेटलर इरेक्शन कार्यो की निविदा आमंत्रित की गई थी ताकि इस सुपर थर्मल पावर प्लांट की गगनचुम्बी चिमनी से निकलने वाले संभावित कार्बन डाई ऑक्साइड जैसे जहरीले धुंआ-धूल-धूसरित प्रदूषण की चपेट से परिसर वासियों के जान-माल को बचाया जा सके। परंतु ई- निविदा धारक ठेकेदारों मे बढता उत्साह के चलते आपस मे ही जमकर खींचतान शुरु हो गई, परिणामतः निविदा कमेटी ने इस कार्य की निविदा को खोलने की वजाय उसे ठन्डे बस्ते में फ़ाईलों मे कैद कर दिया गया है।

विद्युत मुख्यालय के तकनीशियनों की माने तो विगत सन 2010–2011 के दौरान इस 500 मेगावाट पावर प्लांट की निर्माता मेसर्सः बी.जी.आर. कंपनी ने सस्ते भाव मे परियोजना निर्माण का टेंडर ठेका हस्तगत किया था। नतीजतन कंपनी को घाटे के गर्त में डूबने के भय सताने लगा था और कंपनी के अध्यक्ष की बी पी बढ़ने, मानसिक तनाव एवं ह्रदय में व्यथा वेदनाओं से कंम्पन्न की परेशानी बढने लगी थी।नतीजतन मेसर्सः बी.जी.आर. कंपनी ने एश- हैन्डलिंग प्लांट सहित महत्वपूर्ण अन्य संयंत्र कलपुर्जों का कार्यकार्य बीच मे ही छोडकर उसे बोरिया-बिस्तर समेट कर भागना पड़ा।हालांकि महानिर्मिती ने इस संबंध में मेसर्सः बी.जी.आर. कंपनी के बाकाया बिल से कटौती करके उस पर आर्थिक दण्ड का भुगतान भी वसूला गया था।
परंतु इस कामचोर कंपनी मेसर्सः बी.जी.आर. को ब्लैकलिष्ट नहीं किया जा सका। सूत्रों की माने तो मेसर्स: बी.जी.आर.कंपनी को ब्लैकलिष्ट से बचाने के लिए विधुत मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी को अच्छी खासी पेट भर मलाई सुतने को मिली थी।बताते हैं कि कंपनी को ब्लैकलिष्ट से बचाने के लिए कंपनी नियोक्ता ने तत्संबंधित अधिकारी के लिए दिल्ली में आलीशान बंगला उपलब्ध करवाया गया था। हालांकि मेसर्सः बी. जी. आर. कंपनी द्वारा छोड़े गये अन्य कार्यो को अन्य ठेका फर्मों के माध्यम से पूर्ण करवा लिया गया है। लेकिन एश-हैन्डलिंग प्लांट के प्रलंबित कार्य को पूरा करने के लिए किसी भी अधिकारियों ने गंभीरता से ध्यान दिया नहीं ?

जब नये मुख्य अभियंता राजू घुगे का खापरखेड़ा बिजली केंद्र में पदार्पण हुआ। उन्होंने सर्व प्रथम इस पावर प्लांट का निरीक्षण एव अवलोकन किया।
तब मुख्य अभियंता घुगे के ध्यान मे आया कि इस पावर प्रोजेक्ट में एश- हैन्डलिंग प्लांट का प्रस्तावित ट्यूबसेटलर इरेक्शन कार्य को पूरा करना बेहद जरुरी होगा। अन्यथा भविष्य में किसी भी क्षण बिजली उत्पादन प्रभावित के अलावा प्रदूषण की गंभीर समस्या भी उत्पन्न हो सकती है। हालांकि इस कार्य का श्रेय महानिर्मिती के विधुत उत्पादन निदेशक चंद्रकांत थोटवे को जाता है।

विद्युत संचालक थोटवे के दिशा निर्देश एवं मार्गदर्शन पर कुशल प्रशासक अभियंता राजू घुगे ने तत्काल सैक्शन अभियंताओं और निविदा कमेटी की बैठक बुलाई और एश- हैन्डलिंग प्लांट के आवश्यक कार्यो की निविदा आमंत्रित की मंजूरी दे दी गई । जिसकी ई-निविदा क्रमांक .KHG/CPS/TN 0698AHP-2RF NO 3000016327/2021 है। दिनांकः 25/02/2021 को आमंत्रित इस ई-निविदा प्रपत्र की अनुमानित कीमत 75 लाख रखी गयी है। बताते हैं कि इस निविदा ठेका कार्यों के लिए 6 फर्मों ने निविदा प्रपत्र प्रस्तुत किया था।

परंतु सभी निविदा प्रपत्र प्रस्तुतकर्ता ठेकेदारों में बढ़ता उत्साह के चलते उनमे आपस में ही जमकर खींचतान शुरु हो गई।नतीजतन निविदा कमेटी को फर्मों की हरकतों से मन मे शक की सूई चुभने लगी कि ठेकेदारों मारा-मारी और झगड़ा फसाद न हो जाए ?

परिणामतःटेंडर धारकों ने निविदा नही खुलने के उद्देश्य से आपत्ति पर आपत्ति पत्र सौंपना शुरु कर दिया। फलतः निविदा कमेटी को एश- हैन्डलिंग प्लांट के महत्वपूर्ण कार्यों की इस निविदा प्रपत्र को ठन्डे बस्ते में रखना पड़ा।क्योंकि सभी निविदा धारकों ने महानिर्मिती के बैंक अकाउंट में अमानत राशि बतौर 80–80 हजार रुपये जमा किया था।इसलिए निविदा कमेटी को टेंडर धारकों की बाजू सुनना ही पड़ता है अन्यथा ठेकेदार न्याय के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते है। तकनीशियनों की माने तो इस 500 मेगावाट पावर प्लांट के एश- हैन्डलिंग प्लांट में माडिफिकेशन एण्ड रेक्टीफिकेशन ऑफ वाटर क्लैरिफिकेशन सिस्टम का वार्षिक रखरखाव भी किया जाना है।बताते हैं कि यह कार्य का जिस किसी ठेका फर्म की झोली में जाएगा।उसी फर्म को तकनीकी अनुभव के आधार पर भविष्य में अन्य पावर प्लांटों मे एश- हैन्डलिंग प्लांट निर्माण एवं वार्षिक रखरखाव का ठेका हस्तगत होगा। इस आशय को लेकर सभी फर्मों की निगाह इस निविदा-ठेका पर लगी हूई है।

निविदा कार्यों में बिलंब से खतरे की घंटी
इस गंभीर समस्या के संबंध मे आल इंडिया सोसल आर्गेनाइजेशन के संयोजक तथा वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार टेकचंद सनोडिया शास्त्री ने हाल ही राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (N.T.P.C.) एवं भारत हैवि इलेक्ट्रीकल्स लि(BHEL) के सेवानिवृत विशेषज्ञों से तत्संबंध मे सलाह एवं विचार विमर्श किया गया तो पता चला कि समय रहते इस पावर प्लांट के एश- हैन्डलिंग प्लांट मे प्रस्तावित ट्यूब- सेटलर इरेक्शन कार्य को पूर्ण करवा लिया जाना चाहिए।यदि समय रहते इसे अमलीजामा पहनाने में अधिक विलंब हुआ तो निकट भविष्य में वह दिन दूर नहीं जब इस क्रिटीकल सुपर ताप विद्युत परियोजना की हाईटेक गगनचुम्बी चिमनी से निकलने वाले फिल्ट्रेड धुंआ की जगह कार्बन डाई- ऑक्साइड मिश्रित राख धुंआ-धूल धूसरित जहरीले प्रदूषण की चपेट में खापरखेड़ा सहित आस-पास के ग्रामीण इलाकों के निर्दोष नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है।इसका जबावदारी एवं जिम्मेदार कोई स्वीकार नही करेगा ?