Published On : Fri, Aug 31st, 2018

फुटपाथों से धार्मिक अतिक्रमण हटाने के लिए 31 तारीख़ तक मिली मियाद, शपथपत्र दायर करने का भी मिला आदेश

Advertisement

Nagpur Bench of Bombay High Court

नागपुर: सर्वोच्च न्यायालय और कई बार हाईकोर्ट की ओर से दिए गए आदेशों के बावजूद धार्मिक अतिक्रमण हटाने को लेकर की गई कोताही को लेकर अवमानना की कार्रवाई का डंडा चलाते ही मनपा और प्रन्यास की ओर से कार्रवाई शुरू की गई. एक ओर जहां धार्मिक संस्थानों के साथ लोगों की ओर से कार्रवाई का विरोध किया गया, वहीं दूसरी ओर मामला न्यायिक विचाराधीन होने के कारण कुछ संस्थानों की ओर से हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया गया.

याचिका पर दोनों पक्षों की ओर से दी गई लंबी दलीलों के बाद न्यायाधीश भूषण धर्माधिकारी और न्यायाधीश मुरलीधर गिरटकर ने 31 तक फुटपाथ और सड़कों के किनारे के सभी धार्मिक अतिक्रमणों का सफाया करने के आदेश मनपा और प्रन्यास को दिए. साथ ही अब तक इस संदर्भ में की गई कार्रवाई का लेखाजोखा देते हुए 2 सप्ताह के भीतर शपथपत्र दायर करने के आदेश भी दिए. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. फिरदौस मिर्जा, मनपा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी.एस. कप्तान और सरकार की ओर से सरकारी वकील सुमंत देवपुजारी ने पैरवी की.

Gold Rate
05 May 2025
Gold 24 KT 93,900/-
Gold 22 KT 87,300/-
Silver/Kg 95,300/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

बचे हैं केवल 12 धार्मिक अतिक्रमण
मनपा की ओर से दिए गए हलफनामे में बताया गया कि आदेश के अनुसार धार्मिक अतिक्रमण को हटाने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है, जिसमें अब फुटपाथ और सड़कों के किनारे से केवल 12 धार्मिक अतिक्रमणों को हटाया जाना है.

31 तक इन्हें हटाने की प्रक्रिया पूरी होने की जानकारी भी हलफनामे में दी गई. अदालत के आदेशों के अनुसार अब तक 368 धार्मिक संस्थानों की ओर से आपत्ति दर्ज कर निधि जमा किए जाने की जानकारी भी दी गई.

सुनवाई के दौरान अदालत का मानना था कि जिन धार्मिक अतिक्रमणों को अब तक हटाया गया, इन स्थानों पर कहीं पुन: अतिक्रमण तो नहीं किया गया. इसकी जानकारी भी हलफनामे में देने के आदेश मनपा को दिए.

तो सभी जमा करें राशि
गुरुवार को सुनवाई के दौरान लक्ष्मीनगर के एक धार्मिक स्थल को लेकर अलग से याचिका दायर की गई. याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि खुले प्लाट पर स्थित इस धार्मिक स्थल की देखभाल यहां के 21 स्थानीय निवासी कर रहे हैं.

जिस पर अदालत ने सभी को 10-10 हजार रु. जमा करने की हिदायत दी, किंतु संस्थान की ओर से बताया गया कि गत समय दिए गए आदेशों के अनुसार उन्होंने पहले ही आपत्ति दर्ज कर 50 हजार रु. जमा कर दिए हैं. सुनवाई के दौरान अदालत की ओर से धार्मिक स्थल की मंजूरी के संदर्भ में पूछे जाने पर मंजूरी नहीं होने का खुलासा भी किया गया.

गत सुनवाई के दौरान मनपा की ओर से बताया गया कि अब नए सिरे से 860 धार्मिक संस्थानों ने आपत्तियां दर्ज कराई हैं. इन्होंने निधि जमा करने की तैयारी भी दिखाई है.
पहले 967 धार्मिक स्थलों की सूची दी गई थी जबकि जांच के बाद केवल 670 ही धार्मिक स्थल होने का खुलासा हुआ है.

Advertisement
Advertisement