नागपुर – वर्ष २०१४ का लोकसभा चुनाव लड़ते वक़्त भाजपा उम्मीदवार नितिन गडकरी द्वारा जारी घोषणापत्र में शहर के ५०००० युवा बेरोजगारों को रोजगार देने का वादा किए थे। उनकी इस घोषणा की तिलांजलि मनपा प्रशासन के साथ ही साथ मनपा परिवहन समिति कर रही हैं।
मनपा परिवहन समिति में आधा दर्जन से अधिक सेवानिवृत कर्मी तैनात हैं।इसके अलावा अन्य संबंधित विभागों के डेपुटेशन पर परिवहन विभाग में तैनात हुए, इनमें से किसी ने अपने कार्यकाल में कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं किया। इन्हें पहले से ही पेंशन मिल रहा,समय कट नहीं रहा इसलिए जुगाड टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर परिवहन विभाग में कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर पुनः सेवारत हो गए।
कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर भी परिवहन विभाग सह समिति ने चेहरा देख वेतन श्रेणी तय किया,जिसमें सबसे बड़े लाभार्थी रविन्द्र पागे हैं। शेष को मनपा की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण तय वेतन से कम – कम दिया गया। इनसे परिवहन समिति को सालभर में कोई लाभ नहीं हुआ। शिवाय टाइम पास के साथ खर्रे पर हाथ मारते नजर आए।
अब जब कि इन सभी का कार्यकाल समाप्ति पर पहुंच गया। इस वक़्त मनपा परिवहन विभाग दाने- दाने को मोहताज दिख रही,ऐसे में पागे,मिश्रा, ठोंब्रे का कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव परिवहन समिति के पास आया।जिसमें से पागे का कार्यकाल बढ़ा कर शेष का कार्य समीक्षा रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया।
समिति के एक सदस्य के अनुसार जब मनपा तंगी में हैं तो सिर्फ खर्र चबाने वाले को कायम रखना गैर कानूनी हैं। इनकी मांग हैं कि जब तक मनपा की आर्थिक स्थिति सुधर नहीं जाती तब तक मनपा में सेवानिवृत्त को दोहरा लाभ उठाने का अवसर प्रमुखता से दिया जाए। ऐसे में जब मनुष्य बल की जरूरत पड़े तो गडकरी के उद्देश्य पूर्ति करते हुए सक्षम युवाओं को अवसर दिया जाए। इसके अलावा मनपा में सत्तापक्ष सह प्रशासन सेवानिवृत्त अधिकारियों को एनइसीएल और स्मार्ट सिटी प्रकल्प के माध्यम से पुनः सेवारत करने में लीन हैं,जबकि सत्तापक्ष के उक्त दिग्गज नेता बारंबार शहर के शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार देकर शहर के हो रहे युवाओं के पलायन को रोकना चाह रही हैं।