मुंबई,: देवेंद्र फडणवीस सरकार समृद्धि महामार्ग के अंतिम चरण का उद्घाटन कर अपनी पीठ खुद थपथपा रही है, लेकिन यह परियोजना भारी भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुकी है। 55 हजार करोड़ की लागत से शुरू हुई यह परियोजना आखिरकार 70 हजार करोड़ तक जा पहुँची। 15 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च यह दर्शाता है कि इस परियोजना में बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है। अगर सरकार में जरा भी नैतिकता बाकी है तो समृद्धि महामार्ग परियोजना पर श्वेतपत्रिका जारी की जानी चाहिए, ऐसी मांग महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने की है।
समृद्धि महामार्ग के उद्घाटन समारोह पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि घोड़बंदर-भायंदर सुरंग और एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट में 3 हजार करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के कारण सरकार को मजबूरी में उस परियोजना की निविदा रद्द करनी पड़ी। उसी तरह समृद्धि महामार्ग परियोजना में भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है, जिससे देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के करीबी सहयोगियों ने जमकर कमाई की है। समृद्धि के भ्रष्ट पैसों से ही “50 खोके, एकदम ओके” जैसी राजनीतिक खरीद-फरोख्त को अंजाम दिया गया। यह महामार्ग दरअसल “भ्रष्टाचार का महामार्ग” बन गया है।
सपकाल ने कहा कि इस परियोजना में कितना पैसा खर्च हुआ, किस पुल पर कितना खर्च आया, प्रति किलोमीटर कितना खर्च हुआ, किसानों को भूमि अधिग्रहण के लिए कितनी राशि दी गई, ठेकेदारों को कितना भुगतान हुआ, वृक्षारोपण पर कितना खर्च आया और टोल से कितनी वसूली शुरू हो चुकी है – इन सभी बातों का विस्तृत ब्यौरा श्वेतपत्रिका के माध्यम से जनता के सामने रखा जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि समृद्धि महामार्ग का निर्माण बेहद घटिया दर्जे का हुआ है, जिसके चलते कई हिस्सों में सड़कें फट गई हैं। इस मार्ग पर शुरू होने के बाद से कई दुर्घटनाओं में लोगों की जानें गई हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं। यह परियोजना दरअसल सिर्फ सत्ताधारी दल के कुछ गिने-चुने लोगों की समृद्धि के लिए बनाई गई है। इसलिए इसमें हुए भ्रष्टाचार की पूरी पोल खोली जानी चाहिए।