नागपुर: धनगर समाज को एसटी वर्ग मेंआरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर धनगर समाज की ओर से सोमवार को यशवंत स्टेडियम से लेकर मॉरेस कॉलेज चौक तक विशाल मोर्चा निकाला गया. इस दौरान आंदोलन में पूरे राज्य से धनगर समाज के लोग ने मौजूदगी दर्शाई. मोर्चे में जानकारी देते हुए बताया गया कि मुख्यमंत्री बनने से पहले देवेंद्र फडणवीस और सुभाष देसाई ने चुनाव से पहले धनगर समाज को अनुसुचित जनजाति के अनुसार आरक्षण देने के लिए पत्र देकर लिखित आश्वासन दिया था.
देवेंद्र फडणवीस ने 2013 को नागपुर शीतसत्र में सभागृह में बताया था कि महाराष्ट्र का धनगर समाज अनुसूचित जनजाति में थी और है. धनगरों को नए सिरे से अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा था कि भाजपा का प्रदेशाध्यक्ष होने के नाते की भाजपा की अगर सत्ता आई है तो इसका पालन किया जाएगा और आरक्षण दिया जाएगा. लेकिन अब सरकार आने के बाद इस मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
इनकी प्रमुख मांग है कि अनुसूचित जाति के आरक्षण पर अमल किया जाए, सोलापुर विद्यापीठ को अहिल्याबाई होल्कर का नाम दिया जाए, धनगरो का भेड पालन चराई के प्रश्न का निवारण किया जाए और जिन्हे सरकारी नौकरी से निकाला जा रहा है. उसकी कार्रवाई रोकी जाए.
इस आंदोलन में हाथ में अपने पिता का फोटो लेकर और आखों में आंसू लेकर 13 साल का बच्चा गणेश भी शामिल हुआ. गणेश के पिता पिछले महीने धनगर समाज के आंदोलन में शामिल होने नागपुर आए हुए थे. लेकिन यहां से जाते समय लातूर के पास गाड़ी का एक्सीडेंट होने के कारण गणेश के पिता नवनाथ घुगे की मौत हो गई. गणेश लातूर जिले के चाकोर का रहनेवाला है. गणेश के घर की परिस्थित काफी खराब है. जिसके कारण वह भी सरकार से मदद की उम्मीद लेकर इस आंदोलन में शामिल हुआ.
इस आंदोलन का नेतृत्व परभणी हिंगोली के विधानपरिषद सदस्य रामराव वडकुते, सामजिक कार्यकर्ता मारोती जानकर, हरिदास भदे ने किया.