Published On : Sat, Nov 18th, 2017

बर्खास्तगी के दौर में वर्षों की निविदा जारी कर रही प्रन्यास

Advertisement


नागपुर: सरकार ने एक वर्ष पूर्व मनपा में नागपुर सुधार प्रन्यास अंतर्गत शहरी क्षेत्र समाहित करने की घोषणा की थी. दोनों संस्था अंतिम दौर के मुहाने पर लगभग पहुंच चुकी है, ऐसे में प्रन्यास अपने कमाई के इमारतों को अगले 10 वर्षों के लिए देने हेतु निविदा जारी कर दिए, जो कई सवाल खड़े कर रहा है.

नासुप्र की जमापूंजी की जा रही खर्च
प्रन्यास के पास सैकड़ों करोड़ रुपए ‘फिक्स्ड डिपोजिट’ के रूप में थे. जब नासुप्र का मनपा में विलय का मसला आते ही हलचल शुरू हुई, तो शहर के दिग्गज नेता की सलाह पर प्रन्यास की ‘फिक्स्ड डिपोसिट’ को तोड़ा गया. जिसमें से मेट्रो रेल को ४९५ करोड़ व सीमेंट सड़क के लिए १०० करोड़ रुपए दिया जाना तय किया गया. शेष जमापूंजी से शहर सीमा में नासुप्र के अधिनस्त अविकसित लेआउट में मूलभुत सुविधा उपलब्ध करवाने के नाम पर खर्च जारी है.

अधिनस्त व्यावसायिक इमारतों से इनकम जारी – प्रन्यास की दर्जनों व्यावसायिक संकुल हैं, जिनसे मासिक या सालाना किराए की राशि प्राप्त होती है. इसके अलावा ओपन लैंड और रहवासी स्कीम से भी आय होते रहती है.

Gold Rate
23 dec 2025
Gold 24 KT ₹ 1,36,300/-
Gold 22 KT ₹ 1,26,800/-
Silver/Kg ₹ 2,10,900/-
Platinum ₹ 60,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

चुनिंदा क्षेत्रों में विकास किया जा रहा- सफेदपोशों के निर्देशों पर विकसित,अविकसित और अर्धविकसित लेआउट में नासुप्र मांग के अनुरूप विकास कार्य के साथ मरम्मत कार्य कर रही है. वहीं पेरिफेरल डेवलपमेंट फंड देने वाले संकुलों को नासुप्र प्रशासन पिछले एक दशक से भी अधिक समय से तरह तरह के नियमों की आड़ लेकर ठेंगा दिखा रही है.

समाहित के वक़्त खजाना शून्य रहने की शंका-आशंका यह जताई जा रही है कि जब नासुप्र के शहरी हिस्से का मनपा में समाहित कर दिया जाएगा. तब मनपा को नासुप्र खाली खजाना भी थमा देगी. यह जमा पूंजी को खर्च कर ही रही है. अगले ५-१० वर्षों के लिए लीज/किराए पर देकर उसकी मलाई भी गटक जाएगी.

उल्लेखनीय यह है कि बर्खास्तगी के पूर्व जिन-जिन व्यावसायिक संकुलों/ सभागृह/ इमारतों का किराया और लीज अवधि समाप्त हो गई है ऐसे आय देने वाले व्यावसायिक संकुलों/ सभागृहों/ इमारतों का तत्काल अल्पावधी यानि अगले ६ माह का अतिरिक्त समय दिया जाना चाहिए था. इस दौरान नासुप्र का मनपा में विलय की सम्पूर्ण प्रक्रिया भी पूर्ण हो जाती. लेकिन प्रशासन ने प्रशासन की स्वार्थपूर्ति के लिए कल ई-निविदा जारी कर दी. जिसमें उत्तर अंबाझरी मार्ग पर नासुप्र की सांस्कृतिक सभागृह के संचालन-देखभाल, बीडीपेठ स्थित नासुप्र की सांस्कृतिक सभागृह की संचालन-देखभाल और भामटी स्थित स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स की देखभाल की निविदा १०-१० वर्षों के लिए जारी की गई.


सवाल यह है जब यह सब मनपा के अधीन आ जाएगा तो मनपा को क्या लाभ होगा या फिर सिर्फ खर्च ही करते रहना पड़ेगा. नासुप्र के एक अधिकारी के अनुसार ऐसी सूरत में प्रन्यास मुनाफा उठाकर एनएमसी को ठेंगा दिखा देगी. इन्हें सिर्फ 6 माह के लिए वर्तमान धारक को अतिरिक्त अवधि देनी चाहिए.फिर मनपा नए सिरे से अंकेक्षण कर आय के क्रम ठहराती है. समय रहते मनपा प्रशासन ने उक्त मामलातों में दखल नहीं दिया तो उन्हें भविष्य में काफी आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ेंगा.

वेबसाइट अपडेट नहीं
नासुप्र की वेबसाइट की ओर लगता है कोई ध्यान नहीं देता है. एक तरफ सफेदपोश आए दिन स्मार्ट सिटी की राग अलापते थकते नहीं तो दूसरी ओर स्मार्ट सिटी में कार्यरत विभागों की वेबसाइट वर्तमान की जानकारियां देने के बजाय पुरानी जानकारियां प्रकाशित कर रही है. नासुप्र की वेबसाइट में मनपा का पूर्व आयुक्त बतौर मनपायुक्त आज भी विश्वस्त है. जबकि उनकी महीनों पूर्व पुणे के पिंपरी-चिंचवड़ तबादला हो चुका है.

GET YOUR OWN WEBSITE
FOR ₹9,999
Domain & Hosting FREE for 1 Year
No Hidden Charges
Advertisement
Advertisement