Published On : Fri, Jul 15th, 2016

सीताबर्डी थाने के हवलदार का कारनामा, मुफ्त का नाश्ता नहीं देने से 9 हजार रुपए की उगाही, निलंबित

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PohawalaNagpur: मुफ्त का नाश्ता नहीं देने से 9 हजार रुपए की उगाही करने वाले सीताबर्डी थाने के हवलदार को निलंबित कर उसके तीन सिपाही साथियों का मुख्यालय तबादला कर दिया गया है. इस घटना से शहर पुलिस में खलबली मची हुई है. निलंबित हवलदार सुनील मस्के तथा उसके साथी अजय थूल, गजानन निशितकर तथा अंकुश घाटी हैं.

27 जून को एक भाजपा विधायक की पुत्री की रामदासपेठ स्थित होटल तुली इंटरनेशनल में सगाई थी. इस समारोह में मुख्यमंत्री तथा भाजपा के कई नेता आए थे. इसके लिए होटल के सामने पुलिस का बंदोबस्त तैनात किया गया था. समारोह के दौरान पुलिस कर्मी कल्पना बिल्डिंग के पास चाय-नश्ते के ठेले पर आए. उन्होंने पोहा खाया और चाय पी. चाय-नाश्ते का बिल 105 रुपए हो गया था.

पुलिस कर्मी सादे वेश में होने से चाय-नाश्ते का ठेला लगाने वाले लुकेश तुलसाम ने रुपए मांगे. लुकेश के रुपए मांगे जाने से पुलिस कर्मी आहत हो गए. उन्होंने 100 रुपए देकर उसका मोबाइल पर फोटो खींच लिया. लुकेश इस घटना को समझ नहीं पाया. इसके बाद से पुलिस कर्मी लुकेश को घेरने का मौका देखने लगे. पुलिस कर्मी 10 जून को लुकेश के ठेले पर पहुंचे. उसे जीप में बिठाकर थाने ले आए. उसे 27 जून को चाय-नाश्ते के पैसे लिए जाने का हवाला देते हुए ठेला तोड.ने की धमकी दी. उसका चालान करते हुए 15 हजार रु. मांगे. भयभीत होकर लुकेश ने अपने अपाहिज चाचा को बुला लिया. लुकेश ने पुलिसकर्मियों को थाने के भीतर ही 9 हजार रुपए देकर अपनी जान छुड़ा ली.

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बुधवार को इस घटना की चर्चा फैल गई. जोन दो के डीसीपी रवींद्र परदेशी ने सीताबर्डी के थानेदार सत्यवीर बंडीवार को जांच के निर्देश दिए. लुकेश को थाने बुलाया गया. उसने शिकायत दर्ज कराने की इच्छा जताई. उसकी जानकारी के आधार पर चारों पुलिसकर्मियों को थाने तलब किया गया.

लुकेश ने सभी को पहचान लिया जिसके आधार पर आज सुनील को निलंबित करके अन्य तीनों का मुख्यालय तबादला कर दिया गया. सुनील ने ही लुकेश से रुपए वसूल किए थे जबकि अन्य तीनों ने उसकी मदद की थी. सीताबर्डी थाने के कर्मचारी इस तरह की हरकतों के लिए पहले भी चर्चा में रहे हैं. सावजी होटल में शराब पीने के चलते कुछ समय पहले ही कार्रवाई की गाज गिरी थी. रविवार को थानेदार का साप्ताहिक अवकाश होता है. इस वजह से पुलिसकर्मियों को अराजकता फैलाने का मौका मिल जाता है. हमेशा रहे हैं टारगेट

चाय-नाश्ते का ठेला लगाने वाले हमेशा ही पुलिस का ‘टारगेट’ रहे हैं. कई र्मतबा तो अधिकारी-कर्मचारी उनसे पार्सल ले जाने में भी झिझक नहीं महसूस करते. धंतोली थाने का एक अधिकारी गत दिनों काफी चर्चा में था. अधिकारियों की फटकार के बाद वह रास्ते पर आया. इस सच्चाई से पीड.ित लुकेश भी परिचित है. सादे वेश में होने से वह पुलिसकर्मियों को पहचान नहीं पाया.

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