Published On : Mon, Oct 29th, 2018

सत्ताधारियों से महंगा पड़ा ठेकेदारों पंगा, बकाया तो मिला बल्कि छीन लिया केबिन

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नागपुर : पिछले २ सप्ताह से बकाया राशि की मांग को लेकर मनपा ठेकेदार संघ आंदोलन कर रहा है. दूसरी ओर अनेकों दफे मनपा प्रशासन सह पदाधिकारी आंदोलन बंद करने की कोशिशें असफल रही. इससे नाराज चल रहे मनपा प्रशासन ने आज एक नया फतवा जारी कर ठेकेदार संगठन से आवंटित कक्ष भी छीन लिया.

याद रहे कि कुछ वर्ष पहले जब ठेकेदार संगठन का चुनाव था,सत्तापक्ष ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया और अपने पसंदीदा समूह को भारी मतों से चुनवा कर लाने में मदद की थी. अब तक सब ठीक था लेकिन बात तब बिगड़ गई, जब मनपा में ठेकेदारों का भुगतान कुछ महीने नहीं किया गए और ठेकेदारों ने मानसून अधिवेशन के दौरान विधानसभा में विपक्ष को मुद्दे देकर मामला गर्मा दिया था. कांग्रेस के विधायक सुनील केदार ने लगभग ३० मिनट के भाषण में २५ मिनट मनपा और शहर की खामियों को उजागर कर दिया. तत्पश्चात मनपा में उक्त घटना हिचकोले खाने लगी. सत्तापक्ष पर भी आरोप लगे कि विधानसभा में मामला उछाला जाना, सत्तापक्ष के वरिष्ठ नगरसेवकों का हिस्सा है.

उक्त घटना के बाद से सत्तापक्ष ने ठेकेदारों को हर तरफ से मदद करना बंद कर दिया. बकाया भुगतान को लेकर पिछले २ सप्ताह से आंदोलन शुरू रहा, सत्तापक्ष की अच्छी खासी बदनामी हुई.

विगत दिनों ठेकेदारों को येक पदाधिकारी ने मनपा मुख्यालय में दिए गए कार्यालय छीनने की चेतावनी दी थी और आज मनपा प्रशासन ने कार्यालय खाली करने का निर्देश दे दिया. यह कार्यालय मनपा उद्यान विभाग को दिया गया है. ठेकेदारों के खाली करने के बाद इस जगह उद्यान विभाग के सहायक और कनिष्ठ अभियंता का कार्यालय होगा.

उधर ठेकेदारों ने आंदोलन को और तीव्र करने की योजना बनाई है. अब तब तक आंदोलन जारी रखने का तय किया गया है जब तक बकाया राशि नहीं मिल जाती. ऐसे में फिर से ठेकेदार मनपा में ही काम करना बंद कर सकते हैं.