नागपुर ग्रंथोत्सव का हुआ समापन
नागपुर: इंटरनेट, सोशल मीडिया यूजर्स में धैर्य की कमी है। धैर्य कोई गुण नहीं है। विचार का कोई संबंध नहीं है। हालाँकि, राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर डॉ संजय दुधे ने कहा कि जो व्यक्ति किताबें पढ़ता है वह धैर्यवान और साहसी हो सकता है।
दो दिवसीय नागपुर ग्रंथोत्सव-2022 का आयोजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, राज्य पुस्तकालय निदेशालय एवं जिला पुस्तकालय अधिकारी कार्यालय के सहयोग से किया गया। डॉ. संजय दुधे महाराजबाग रोड स्थित राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में आयोजित दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। मंच पर विश्वविद्यालय के छात्र विकास विभाग के निदेशक डॉ. मंगेश पाठक, अंतरराष्ट्रीय तैराक प्रभाकर साठे, जिला लाइब्रेरियन गजानन कुरवाडे मौजूद थे।
दुधे ने मोबाइल फोन की तुलना आधुनिक परमाणु बम से करते हुए कहा कि विज्ञान हमारे लिए वरदान है, लेकिन हम इसे अभिशाप बना रहे हैं। दुधे ने विश्वास व्यक्त किया कि पुस्तक महोत्सव के माध्यम से युवा पीढ़ी में एक बार फिर पढ़ने की संस्कृति का विकास होगा। मंगेश पाठक ने यह भावना व्यक्त की कि पुस्तक जितना समृद्ध अनुभव कोई नहीं देता। एक अच्छा शरीर और एक बुरा दिमाग किसी काम का नहीं है। प्रभाकर साठे सलाह देते हैं कि किताबें पढ़ना दिमागी कसरत का सबसे अच्छा तरीका है। कार्यक्रम का संचालन वैदैही चावेरे सोइतकर ने धन्यवाद ज्ञापन किया। ग्रंथोत्सव के तहत दिन भर गोष्ठी, कथावाचन, कार्यशाला आदि का आयोजन किया गया।
ग्रंथोत्सव में प्रात:काल के सत्र में पठन संस्कृति एवं पुस्तकालय के योगदान पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। प्रसिद्ध साहित्यकार धनराज दहत ने यह भावना व्यक्त की कि पुस्तकों में महापुरुष बनाने की क्षमता होती है। विधायक अभिजीत वंजारी ने शहर में पढ़ने की संस्कृति के विकास के लिए विधान परिषद में अनुदान के लिए आवाज उठाने का वादा किया। संगोष्ठी में राष्ट्रीय पुस्तकालय, महल के अध्यक्ष पद्मश्री तांबेकर ने भी भाग लिया।
पुस्तक महोत्सव के दूसरे दिन व्यक्तित्व विकास एवं प्रतियोगी परीक्षा मार्गदर्शन विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आयोजन डॉ. सुजाता दमके, सहायक प्राध्यापक, वसंतराव नाईक राजकीय कला एवं सामाजिक विज्ञान संस्थान की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर पीयूष चिवांडे ने विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने के तरीके बताए। गढ़चिरौली के शंकरराव मल्लेवार कला महाविद्यालय के प्राचार्य मनीष शेटे ने भी छात्रों को संबोधित किया। कार्यशाला के बाद रंगमंच कलाकार वत्सला पोल्कमवार अंबोने का आत्मकथा कार्यक्रम आयोजित किया गया।