Published On : Wed, Jun 6th, 2018

रिजर्व बैंक ने ब्याज दरें बढ़ाईं, बैंक से कर्ज लेना होगा महंगा, EMI पर भी असर

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नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने आज अपनी मौद्रिक नीति का ऐलान कर दिया. आरबीआई ने नीतिगत दर (रेपो दर) 0.25 प्रतिशत बढ़कर 6.25 प्रतिशत किया है. जबकि रिवर्स रेपो रेट भी 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.50 फीसदी तय की है. आरबीआई ने 2018-19 की पहली छमाही में मुद्रास्फीति दर 4.8-4.9 फीसदी के बीच, जबकि दूसरी छमाही में 4.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. ब्याज बढ़ाने का अर्थ है कि इससे बैंक से लोन लेना महंगा हो सकता है और आपको ईएमआई भी ज्यादा चुकानी होगी. मोदी सरकार के 4 साल के कार्यकाल में पहली बार भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में बढ़ोतरी की है.

आरबीआई ने इस साल के लिए संभावित जीडीपी ग्रोथ का भी आंकड़ा दिया है. आरबीआई ने कहा कि 2018-19 की पहली छमाही के लिए जीडीपी 7.5-7.6 जबकि दूसरी छमाही में 7.3-7.4 रहने का अनुमान है.

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा बैठक आज लगातार तीसरे दिन तक चली. इसके बाद रेपो और रिवर्स रेपो रेट का ऐलान किया गया. आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक तीन दिन चली. आमतौर पर यह बैठक दो दिन होती है लेकिन प्रशासनिक अनिवार्यताओं के चलते पहली बार एमपीसी की बैठक तीन दिन चली.

यह चालू वित्त वर्ष (2018-19) की दूसरी मौद्रिक समीक्षा बैठक थी. रिजर्व बैंक ने इससे पहले जनवरी 2014 में नीतिगत दर को बढ़ाकर आठ प्रतिशत किया था. तब से इसमें या तो कमी की गई या फिर इसे स्थिर रखा गया. वर्तमान में प्रमुख नीतिगत दर रेपो छह प्रतिशत पर है.