नागपुर: टाटा उद्योग समूह के अंतरिम अध्यक्ष रतन टाटा ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख से मुलाकात की। महल स्थित संघ मुख्यालय में रतन टाटा और संघप्रमुख के बीच करीब आधे घंटे मुलाकात चली। आज रतन टाटा का जन्मदिन था और संघ प्रमुख और उनके बीच आज की मुलाकात पहले से ही तय थी। दोनों के बीच सामाजिक कार्यो को लेकर मंथन हुआ। दरअसल देश के औद्योगिक घरानों द्वारा सामाजिक जिम्मेदारी के तहत आर्थिक मदद की जाती है। टाटा समूह इस जिम्मेदारी को भी बखूबी निभाता रहा है।
टाटा समूह की दिलचस्पी संघ द्वारा किये जा रहे सामाजिक कार्यो में भी रही है। देश भर में संघ के एक हजार से ज्यादा सेवा भावी संस्थाएं कार्य कर रही हैं। टाटा ने इन्हीं संस्थाओं को अब आर्थिक मदद देने का फैसला किया है। संघ और टाटा समूह के बीच नजदीकियां पहले भी रही हैं। नितिन गड़करी जिस वक्त भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे उस दौरान महाराष्ट्र के औरंगाबाद में संघ के डॉ हेडगेवार स्मृति अस्पताल का उद्घाटन रतन टाटा ने ही किया था। टाटा समूह, संघ के सामाजिक कार्यो से प्रभावित रहे है और अब टाटा समूह ने संघ के सामाजिक संगठनों में सामाजिक जिम्मेदारी के तहत ख़र्च किये जाने वाले मुनाफ़े को बांटने का फैसला किया है।
आज की मुलाकात प्रमुखतः इसी कार्य की चर्चा के लिए थी। औद्योगिक जगत में टाटा की ईमानदार साख की वजह से संघ को सामाजिक कार्य के लिए साथ लेने में कोई दिक्कत नहीं है। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि इन दिनों टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष सायरस मिस्त्री को हटाए जाने के बाद हो रहे घटनाक्रम की वजह से समूह की छवि ख़राब हुयी है। संघ प्रमुख और रतन टाटा के बीच इस मुद्दे पर भी चर्चा हुयी है।
संघ के जानकर और विश्लेषक डॉ दिलीप देवधर के मुताबिक भी संघ प्रमुख और रतन टाटा के बीच हुयी मुलाकात का आधार देश में बेहतर तरीके से समाजकार्य करना है। टाटा समूह की समाजसेवा के प्रति ईमानदारी और समर्पण जगजाहिर है। संघ देश भर में विभिन्न माध्यम से समाज कार्य प्रभावी ढंग से करता है। टाटा समूह भी यह चाहता है कि उसके पैसो का सदुपयोग हो। इससे पहले कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत समाज कार्य राजनीति और आर्थिक मुनाफ़े को लेकर किये जाते थे लेकिन संघ सामाजिक कार्यों के प्रति समर्पित है।
हाल के वर्षों तक कांग्रेस और गाँधी परिवार के दबाव की वजह से औद्योगिक घराने संघ के सामाजिक कार्य में आर्थिक मदद करने से हिचकिचाते थे। लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है और कई औद्योगिक समूह पैसे के सदुपयोग के लिए संघ की संस्थाओं को मदद करने सामने आ रहे है। टाटा समूह में हुए घटनाक्रम को लेकर भी संघ प्रमुख और रतन टाटा के बीच बातचीत होने की संभावना है। अपने दौरे के तहत रतन टाटा रेशमबाग स्थित स्मृति मंदिर भी पहुँचे जहाँ उन्होंने डॉ हेडगेवार के स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके बाद वह संघ मुख्यालय पहुँचे टाटा के साथ बीजेपी प्रवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता शायना एनसी और संघ के नागपुर महानगर संघचालक राजेश लोया भी मौजूद थे।