Published On : Tue, Jan 1st, 2019

राकांपा ने मिड -डे मील में अनियमितताओं को लेकर सौंपा निवेदन

शहर में मिड-डे भोजन देने वाली संस्था पर योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने का लगाया आरोप

नागपुर: नागपुर शहर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अल्पसंख्यक विभाग के शहर अध्यक्ष रिजवान अंसारी के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने प्राथमिक शिक्षण अधिकारी चिंतामणि वंजारी को ज्ञापन सौंपा और बताया कि नागपुर शहर में स्कूली छात्रों को दिए जाने वाले मध्यान्ह भोजन में भारी अनियमितता बरती जा रही है. कीड़े और इल्लियां लगे हुए चावल बच्चों को दिया जाता है.

Advertisement

माध्यान भोजन को देने की जिम्मेदारी द अक्षय पात्र फाउंडेशन की है और उन्हें शिक्षण अधिकारी के माध्यम से फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के स्थानीय गोडाउन से A क्वॉलिटी का चावल उपलब्ध कराया जाता है. ताकि बच्चों के स्वास्थ्य में कोई कमी ना आए. कीड़े और इल्लियां लगे हुए चावल से पता चलता है कि इसमें कोई हेराफेरी या घोटाला है.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी ने बताया कि मिड डे मील योजना को प्रभावी रूप से अमल में लाने के लिए खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उद्घाटन किया था और गुणवत्ता को लेकर बड़े-बड़े दावे किए गए थे. लेकिन अक्षय पात्र फाउंडेशन का काम दावों के विपरीत है. नियम के मुताबिक कक्षा 1 से 5 के छात्र-छात्राओं के लिए 100 ग्राम चावल और कक्षा 6 से 8 वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए 150 ग्राम चावल और अन्य सामग्री के लिए रु. 4.13 प्रति छात्र-छात्राएं सरकार द्वारा दिए जाते हैं. नियम अनुसार बच्चों को अंडा, मांस, मछली देने का प्रावधान भी है लेकिन यह संस्था सिर्फ फीकी सब्जी और दाल ही बच्चों को खिला रही है. जिसमें लहसुन और प्याज का इस्तेमाल तक नहीं किया जाता. बच्चों को इसमें स्वाद भी नहीं आता और मजबूरन खाना पड़ता है. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि बच्चों को दिए जाने वाले भोजन को द अक्षय पात्र फाउंडेशन के किचन में पहले भोग लगाया जाता है उसके बाद उसे सारे भोजन में मिलाया जाता है.

जिन स्कूलों में यह भोजन जाता है वहां मुस्लिम और अन्य धर्म के बच्चे भी पढ़ते हैं. मुस्लिम धर्म में भोजन को भोग लगाने की परंपरा नहीं है. ऐसे में मुस्लिम बच्चों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम हो रहा है. फाउंडेशन के ऑपरेशन हेड प्रशांत भगत का खुद कहना है कि सारा भोजन प्रसाद है क्योंकि सबसे पहले हम भगवान को भोग लगाते हैं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की तरफ से मांग की गई के यह तमाम मामले बहुत ही गंभीर और संवेदनशील है. इसके लिए एक पारदर्शी जांच बिठाई जाए और द अक्षय पात्र फाउंडेशन से तुरंत ठेका वापस लिया जाए.

निवेदन देते समय वरिष्ठ पदाधिकारी नूतन रेवतकर, चरणजीत सिंह चौधरी, गुलाब खान पठान, जाकिर शेख, विभागीय अध्यक्ष जावेद खान, अब्दुल गनी, समद अंसारी, कमलदीप सिंह कोचर, महबूब रंगरेज़, फिरोज खान, फहीम शेख, शबनम खान, शौकत अली, सैयद मोहसिन अली, शुभम निखारे, शेख शहबाज, शेख शादाब, अरशद अली, अशफाक खान, इमरान अंसारी, अब्दुल साबिर, अशफाक अंसारी, राजेश तिवारी आदि उपस्थित थे.

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement

Advertisement
Advertisement

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement