Published On : Fri, Apr 26th, 2019

रामटेक लोकसभा सीट के बूथ से चोरी हुए डीवीआर और एलसीडी की अब तक नहीं लिखी गई रपट, प्रशासन नहीं गंभीर : किशोर गजभिए

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कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव में हुई अनियमितताओं का किया खुलासा

नागपुर- रामटेक लोकसभा के अंतर्गत आनेवाले विधानसभा क्षेत्र उमरेड में 12 अप्रैल 2019 को सुबह आईटीआई स्थित स्ट्रॉंग रूम से एक डीवीआर (डिजिटल वीडिओ रिकॉर्डिंग ) सहित दो एलसीडी चोरी होने की घटना सामने आई थी. इस बारे में 25 अप्रैल को उम्मीदवार किशोर गजभिए ने एक जांच दस्ता उमरेड भेजा था. जांच पथक में यह बात सच साबित हुई. चोरी की घटना हुए 12 दिन बीतने के बाद भी सहायक चुनाव अधिकारी जगदीश लोंढे ने अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की है. यह सनसनीखेज आरोप कांग्रेस के उम्मीदवार किशोर गजभिए ने चुनाव से सम्बंधित अधिकारियों और प्रशासन पर लगाए हैं. सिविल लाईन स्थित प्रेस क्लब में वे पत्रकारों से बात कर रहे थे. इस दौरान कांग्रेस के नागपुर के उम्मीदवार और पूर्व सांसद नाना पटोले, पूर्व मंत्री राजेंद्र मूलक, शहर अध्यक्ष विकास ठाकरे, अभिजीत वंजारी, अतुल लोंढे समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.

इस दौरान गजभिए ने बताया कि डीवीआर में ईवीएम व कंट्रोल यूनिट स्ट्रॉंग रूम में रखते समय संपूर्ण प्रक्रिया की रिकॉर्डिंग व ईवीएम सुरक्षित रखने के सबूत रिकार्डे होते हैं. इतना अहम चीज चोरी होने के बाद भी पुलिस अधिकारी ने इसका संज्ञान नहीं लिया है. इसके साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों को भी इसकी रिपोर्ट नहीं भेजी है. उन्होंने बताया कि सीसीटीवी कैमरा, डीवीआर, और एलसीडी टीवी लगाने के लिए जिलाधिकारी ने एक निजी कंपनी नियुक्त की थी. इस कंपनी की भूमिका कहीं न कहीं संदेहास्पद है. गजभिये ने बताया किशोर हजारे नाम के उमरेड के विधायक के पीए का एआरओ कार्यालय में बड़े प्रमाण में हस्तक्षेप हुआ है. सहायक चुनाव अधिकारी ने चोरी हुई सामग्री महत्वपूर्ण नहीं होने की बात झूठी कहकर प्रशासन को गलत जानकारी दी है. उन्होंने इस दौरान मांग की है कि डीवीआर की रिकॉर्डिंग और सीसीटीवी फुटेज उन्हें उम्मीदवार के तौर पर दिए जाएं. इसके साथ ही उन्होंने मांग की है कि डीवीआर और सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए जो निजी कंपनी नियुक्त की गई थी उसकी पूरी जानकारी दी जाए. जब तक चोरी हो चुके डीवीआर और सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं होते है तब तक उमरेड विधानसभा मतदाता संघ के 384 बूथ की कॉउंटिंग न की जाए. इस पूरे मामले में संदेहास्पद सहायक चुनाव अधिकारी जगदीश लोंढे की जांच कर उन पर भी कार्रवाई की जाए.

इस समय नाना पटोले ने भी नागपुर की चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि शहर में कई वोटरों के नाम मतदाता सूची में नहीं थे. नागरिकों को 5 दिन पहले लोगों के घरों में परिचय पत्र देना होता है. जो दिया ही नहीं गया. उन्होंने कहा कि सरकार के दबाव में आकर अधिकारी यह काम कर रहे हैं. यह लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है. एक ही परिवार के लोगों का अलग अलग लिस्ट में नाम दिया गया, उन्होंने कहा कि नागपुर में जो बूथ थे हमने उनकी जानकारी मांगी है. उन्होंने कहा कि रामटेक की मतदान की पेटियां पहले कलमना पहुँचती हैं और नागपुर मतदान की पेटियां 48 घंटों के बाद पहुँचती है. उन्होंने कहा कि इसके लिए वे हाईकोर्ट भी गए हैं. उन्होंने कहा कि अब तक 32 शिकायतें चुनाव आयुक्त और जिलाधिकारी से वे कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि नागपुर और रामटेक में चुनाव में हेरफेर हुआ है.