Published On : Sun, Sep 9th, 2018

जानबूझकर लटका रहे रामझूला

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नागपुर: लगता है सिटी के प्रकल्पों को लेटलतीफ करने की आदत अधिकारियों की गई नहीं है. अनेक प्रकल्पों के कार्य तेजी से चल रहे हैं लेकिन लगता है कि पूर्व व पश्चिम नागपुर को जोड़ने वाले केबल स्टेयड ब्रिज रामझूला के सेकंड फेज का कार्य जानबूझकर लटकाया जा रहा है. सेकंड फेज के सभी केबल लग चुके हैं. जयस्तंभ चौक और मेयो हास्पिटल चौक की साइड में लैंडिंग प्वाइंट के कार्य भी हो ही चुके हैं और अब पायलान की पेंटिंग कार्य कई दिनों से कछुआ चाल किया जा रहा है.

ब्रिज के ऊपर मलबों का ढेर लगा हुआ है. अगर ठेकेदार कंपनी पर एमएसआरडीसी द्वारा दबाव बनाया जाए तो तेजी से सारे कार्य पूर्ण कर यह ब्रिज भी नागरिकों को लिए जल्द से जल्द खोला जा सकता है. लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आ रहा. सेकंड फेज के शुरू होने से ही फर्स्ट फेज पर ट्राफिक का दबाव कम होगा. फिलहाल फर्स्ट फेज से ही दोनों ओर के ट्राफिक की आवाजाही हो रही है. कई बार जयस्तंभ चौक की ओर से जाम लगता है तो पूरे ब्रिज में वाहनों की कतारें लग जाती है.

जून तक दिया था समय
एमएसआरडीसी की ओर से निर्माण कार्य में लगी एफकांस को पहले दिसंबर 2017 तक रामझूला के सेकंड फेज को कम्पलीट करने का समय दिया गया था लेकिन कंपनी ने अपने कार्य की गति नहीं बढ़ाई. उसके बाद भी विभाग की ओर से कंपनी को जून 2018 तक किसी भी हालत में ब्रिज को नागरिकों के लिए शुरू करने का समय दिया था. जून महीने बीते भी ढाई महीने के करीब हो रहे हैं और सेकंड फेज को शुरू नहीं किया जा सका है. साइट में कार्यरत कंपनी के एक इंजीनियर ने बताया कि फिनिशिंग वर्क चल रहा है. पायलान की पेंटिंग का कार्य शुरू है और इसमें समय लग सकता है. कब तक ब्रिज शुरू किया जाएगा इस बारे में उनके पास कोई जवाब नहीं था.

वर्षाकालीन सत्र में थी संभावना
शहरवासियों को उम्मीद थी नागपुर में जुलाई महीने में हुए वर्षाकालीन सत्र के दौरान रामझूला का दूसरे फेज का उद्घाटन कर दिया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उस वक्त भी कंपनी के साइट इंजीनियर ने यह बताया था कि दिये गए समय यानि जून महीने में सेंकड फेज का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा और संभवत: मानसून सत्र में इसका उद्घाटन सीएम देवेन्द्र फडणवीस व केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी सहित अन्य मंत्रियों की उपस्थिति में किया जा सकता है. लेकिन वर्षाकालीन सत्र समाप्त हुए भी दो महीने बीत गए लेकिन अब तक इस ब्रिज का कार्य पूरा नहीं किया जा सका. सेकंड फेज का सब कार्य लगभग खत्म हो गए हैं लेकिन फिनिशिंग वर्क में इतना ढीला-ढाला कार्य किया जा रहा है, जिसे देखते हुए ऐसा लग रहा है कि यह जानबूझकर तो नहीं किया जा रहा.

दर्जन बार बढ़ाई गई प्रोजेक्ट की अवधि
जानकारी के अनुसार रामझूला प्रकल्प के दोनों चरणों का कार्य पूरा करने के लिए अब तक 12 बार अवधि बढ़ाई जा चुकी है. पहला चरण तो दिसंबर 2014 में पूरा किया गया था. 7 दिसंबर को उसे पब्लिक को समर्पित किया गया था. उसके बाद सेकंड फेज का कार्य शुरू करने के लिए पुराने ओवरब्रिज को तोड़ने के लिए रेलवे ने अड़ंगा लगाया था. जानकारी के अनुसार, इसके लिए रेलवे ने 13.15 करोड़ रुपये लिया. पुराने ब्रिज को तोड़ने में अनुमति मिलने में ही लेटलतीफी हुई. उसके बाद सेकंड फेज का रास्ता साफ हुआ.

सेकंड फेज को पूरा करने के लिए छठवीं बार समय बढ़ाकर अगस्त 2016 तक का समय दिया गया था. उसके बाद इसे 31 मई 2017 तक पूरा करने का समय दिया गया. जानकारी मिली कि बाद में आठवीं बार अवधि बढाई गई और अक्टूबर 2017 तक कम्पलीट करने का समय दिया गया. फिर दिसंबर और उसके बाद जून 2018 तो फाइनल कहा गया लेकिन अब तक इसे पूरा नहीं किया जा सका है. लगता है एमएसआरडीसी के संबंधित अधिकारियों की कंपनी पर विशेष मेहरबानी चल रही है.