Published On : Sat, Dec 29th, 2018

रेलवे और वेकोलि के समन्वय से बढ़ेगा कोयले का प्रेषण

अपने उपभोक्ताओं को और ज्यादा कोयला-प्रेषण (डिस्पैच) बढ़ाने के लिए वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) रेलवे के साथ प्रभावी तालमेल की दृष्टि से, 1-7 जनवरी 2019 तक “रेल-कोल सप्ताह” मनायेगी। यह आयोजन 1-15 जनवरी 2019 तक मनाये जाने वाले “कोयला प्रेषण सप्ताह” का एक हिस्सा होगा। इसके ज़रिये रेल, सड़क तथा अन्य माध्यमों से, वेकोलि की खदानों से कोयला-प्रेषण को और बढ़ाने की योजना है। कोल इण्डिया की किसी भी अनुषंगी कम्पनी में पहली बार हो रहे इस आयोजन से, वेकोलि से सम्बद्ध (लिंक्ड) विभिन्न बिजली घरों को अपना कोयला-भंडार बढ़ाने में मदद मिलेगी।

वेकोलि के कोयले की बड़ी मात्रा का परिवहन मुख्यतः सेंट्रल रेलवे तथा आंशिक रूप से साउथ ईस्टर्न सेंट्रल रेलवे एवं साउथ सेंट्रल रेलवे द्वारा रेक से किया जाता है। वेकोलि को प्रतिदिन 28-29 रेक कोयला-प्रेषण का लक्ष्य दिया गया है, जो कम्पनी पहले ही प्राप्त कर चुकी है। तीन रेलवे जोन के साथ और बेहतर तालमेल की इस कोशिश के साथ वेकोलि ने प्रति माह 32 रेल-रेक से भी ज्यादा कोयला-प्रेषण करने की योजना बनायी है। विशेषकर सेंट्रल रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से कम्पनी मुख्यालय, क्षेत्रीय एवं साइडिंग स्तर पर हुई विस्तृत चर्चा के बाद, 1 जनवरी 2019 से प्रारम्भ 32 रेक कोयला-प्रेषण हेतु मध्य रेलवे ने 28-29 रेक लोड करने का आश्वासन वेकोलि को दिया है।

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उल्लेखनीय है कि, इसके पूर्व इसी वर्ष, रेल-कोल का बेहतर तालमेल उमरेड तथा वणी क्षेत्रों में क्रासिंग स्टेशन के सफल शुभारम्भ के रूप में परिलक्षित हुआ। वेकोलि की निधि से निर्मित इन क्रासिंग स्टेशनों का सफलतापूर्वक संचालन दोनों संस्थानों के संयुक्त प्रयास का प्रतिफल है। दोनों क्षेत्रों में प्रारम्भ इन नई सुविधाओं से उमरेड तथा घुग्घुस साइडिंग में 4-5 से बढ़कर कोयला-प्रेषण 7-8 रेक हो गया। दोनों साइडिंग से अब 9-10 रेक कोयला-प्रेषण करने की योजना है, जो रेल-कोल सप्ताह में 32 रेक कोयला लोड करने में सहायक होगी।

.इसी तरह की कोशिश साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे तथा साउथ सेंट्रल रेलवे के सहयोग से की जा रही है, जिसमें क्रमशः 3 और 1 रेक लोड किया जा रहा है। वेकोलि के 60 % से अधिक कोयला-प्रेषण में रेल-मार्ग से डिस्पैच का योगदान है। शेष डिस्पैच सडक-मार्ग, मेरी गो राऊंड (एमजीआर), बेल्ट तथा रोप-वे के माध्यम से किया जाता है।

कोयला प्रेषण सप्ताह के दौरान प्रतिदिन 1.70 लाख टन कोयला-प्रेषण को बढ़ा कर 2.0 लाख टन करने की कम्पनी की योजना है। इनमें रेल-मार्ग से प्रति दिन 1.25 लाख टन और अन्य साधनों से 75-80 हजार टन कोयला-प्रेषण शामिल है।

वेकोलि महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, कर्नाटक तथा हरियाणा राज्य के बिजली घरों एवं अन्य निजी विद्युत् उत्पादकों को ईंधन-आपूर्ति करार, लिंकेज तथा नीलामी (ऑक्शन) के माध्यम से कोयला-आपूर्ति करती है।

इस वर्ष नवम्बर-दिसम्बर के दौरान वेकोलि द्वारा विभिन्न मार्गों/माध्यमों से अधिकतम कोयला-प्रेषण ताप विद्युत् गृहों के कोयला-भंडार की वृद्धि में प्रभावी सहायता की है। “रेल-कोल सप्ताह” तथा “कोयला प्रेषण पखवाड़ा” के जरिये आई तत्परता और सुधार से, वेकोलि से सम्बद्ध (लिंक्ड) बिजली घरों को कम्पनी पर्याप्त मात्र में कोयला उपलब्ध करवाने में सफल होगी। वेकोलि ने नवम्बर माह से बिजली उत्पादकों के लिए स्पेशल ऑक्शन तथा अन्य उपभोक्ताओं के लिए स्पॉट ऑक्शन भी प्रारम्भ किया है। ये सभी प्रयास न केवल कम्पनी के वर्तमान वर्ष के लिए 59.76 मिलियन टन कोयला-प्रेषण के निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति में सहायक होंगे, बल्कि वेकोलि इसके भी आगे जायेगी।

मिशन : डब्ल्यूसीएल 2.0 के तहत, वेकोलि अपने अब तक के इतिहास में सर्वाधिक कोयला-उत्पादन एवं प्रेषण का रिकार्ड बनाने के प्रति पूर्णतः आशान्वित और आश्वस्त है। जून 2018 में प्रारंभ किया गया यह “मिशन” वेकोलि के उत्पादन एवं वित्तीय लक्ष्य की प्राप्ति हेतु इसकी मूलभूत आवश्यकताओं के सुधार में सहायक और प्रभावी सिद्ध हो रहा है।

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